Afghanistan: क्या आज भी अफगानिस्तान है आतंकियों की पनाहगाह? अल-जवाहिरी की मौत के बाद उठ रहे ये 5 सवाल
Al-Zawahari killed: तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि काबुल में 31 जुलाई को एक रिहायशी मकान पर ड्रोन अटैक (Drone Strike) किया गया था, जिसमें अल जवाहिरी मारा गया.
![Afghanistan: क्या आज भी अफगानिस्तान है आतंकियों की पनाहगाह? अल-जवाहिरी की मौत के बाद उठ रहे ये 5 सवाल Afghanistan Terrorists Questions Arising After Al Qaeda Chief Ayman Al Zawahiri killed in US Drone Strike Afghanistan: क्या आज भी अफगानिस्तान है आतंकियों की पनाहगाह? अल-जवाहिरी की मौत के बाद उठ रहे ये 5 सवाल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/02/6b6faf2753b206b890709766304135561659408372_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Al-Zawahari killed in Afghanistan: अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी को अमेरिका ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में मार गिराया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) का दावा है कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को एक ड्रोन हमले में अल-कायदा (Al Qaeda) चीफ अल-जवाहिरी (Al-Zawahiri) को ढेर कर दिया गया है. अल जवाहिरी के काबुल में मौजूदगी और उसके मारे जाने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या अफगानिस्तान अब भी आतंकियों के लिए पनाहगाह है?
पेंटागन के कुछ शीर्ष नेताओं ने पहले भी आशंका जताते हुए कहा था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के दो साल के भीतर वहां अलकायदा जैसे आतंकी संगठन फिर से संगठित और सक्रिय हो सकते हैं और अमेरिका के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.
ड्रोन हमले में मारा गया अल-जवाहिरी
तालिबान ने भी काबुल में अमेरिका के ड्रोन हमले की पुष्टि की है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि काबुल में 31 जुलाई को एक रिहायशी मकान पर ड्रोन अटैक किया गया था. जबीउल्लाह ने आगे कहा कि पहले इस हमले के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन इस्लामिक अमीरात की सुरक्षा और खुफिया सेवाओं द्वारा जांच के बाद यह निर्धारित किया गया कि यह अमेरिकी ड्रोन हमला था. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि अल जवाहिरी के परिवार के सदस्यों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है.
अल-जवाहिरी की मौत के बाद उठ रहे सवाल
अफगानिस्तान में अल-जवाहिरी की मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. पहला ये कि अलजवाहिरी की काबूल में मौजूदगी कैसे थी और क्या अफगानिस्तान अभी भी आतंकियों के लिए पनाहगाह है. दूसरा सवाल ये है कि दोहा समझौते का उल्लंघन क्यों किया गया. काबुल में अल-कायदा चीफ अल-जवाहिरी की उपस्थिति तालिबान द्वारा वाशिंगटन के साथ हस्ताक्षर किए गए 2020 समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय जिहाद का अड्डा नहीं बनने देने का वादा किया था.
क्या तालिबान और अलकायदा का गठबंधन बना हुआ है?
सवाल ये भी है कि क्या सीनियर हक्कानी तालिबान (Taliban) के लोग काबुल में अल जवाहिरी (Ayman Al Zawahiri) की मौजूदगी से वाकिफ थे? हक्कानी तालिबान के सदस्यों ने जवाहिरी की मौजूदगी को छिपाने की कोशिश की. इस बात की आशंका है कि क्या तालिबान और अलकायदा का गठबंधन बना हुआ है? क्या ये अमेरिका, अफगानिस्तान (Afghanistan) और क्षेत्र के हितों के खिलाफ हैं? सवाल ये भी है कि क्या इस तरह की कार्रवाई को दोहराने से उपलब्ध अवसरों को नुकसान होगा. काबुल में जवाहिरी के मारे जाने के बाद अमेरिकी व्यक्तियों और सुरक्षा के लिए खतरा और बढ़ सकता है. सवाल कई हैं लेकिन अमेरिका (America) का साफ कहना है कि हमें नुकसान पहुंचाने वाले आतंकी कहीं भी छिपे क्यों न हो हम उन्हें छोड़ने वाले नहीं हैं.
ये भी पढ़ें:
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)