Afghanistan Taliban Rules: तालिबानी हुकूमत ने लगाईं पाबंदियां, UN ने कहा- अफगान महिला कर्मचारियों को काम से रोका जा रहा, ऐसे फरमान मंजूर नहीं
Afghanistan News: संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तालिबानी हुकूमत में अफगानी महिला कर्मचारियों को काम से रोका गया है. इस तरह के आदेश अस्वीकार्य हैं, तालिबान ऐसे काम न करे, जिससे मानवाधिकारों का हनन हो.
Afghanistan Taliban: अफगानिस्तान पर अगस्त 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद से महिलाओं को लेकर नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं. वहां महिलाओं पर कई प्रकार के कानून थोपे गए हैं. यहां तक कि तालिबानी हुकूमत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) मिशन के एनजीओ के लिए काम करने वाली महिलाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इसके बाद UN ने तालिबान को धिक्कारा है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) की ओर से बताया गया कि यहां पर पूर्वी नांगरहार प्रांत में संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों को काम करने से रोक दिया गया, ऐसा तब हुआ जबकि तालिबानी हुकूमत महिलाओं के खिलाफ फैसले ले रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक ने कहा, "UNAMA को संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों के काम करने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश की जानकारी मिली है, वो आदेश पूरे देश (अफगानिस्तान) पर लागू किया गया है."
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता दुजारिक ने कहा, "इस तरह का कोई भी प्रतिबंध अस्वीकार्य और स्पष्ट रूप से अकल्पनीय होगा." उन्होंने कहा, "यह एक परेशान करने वाली हरकत है, भला ऐसा कोई कैसे कर सकता है? ये (तालिबानी) फरमान सबसे ज्यादा जरूरतमंदों तक सहायता संगठनों की मदद पहुंचाने की क्षमता को कम कर रहा है."
I strongly condemn the prohibition of our Afghan female colleagues from working in Afghanistan’s Nangarhar province.
— António Guterres (@antonioguterres) April 4, 2023
If this measure is not reversed, it will inevitably undermine our ability to deliver life-saving aid to the people who need it.
अफगानिस्तान के लाखों लोग भुखमरी से जूझ रहे
बताते चलें कि पिछले साल प्रतिबंध के चलते ही, कई एनजीओ ने अपने पूरे अभियान को रोक लिया था, जिससे अफगानिस्तान के 3.8 करोड़ लोगों पर और अधिक संकट आ गया था, सहायता एजेंसियों के अनुसार, उन लोगों में से आधे भुखमरी से जूझ रहे थे. बाद में कई दिनों की चर्चा के बाद, यह सहमति बनी कि स्वास्थ्य सहायता क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को तालिबानी प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी, और संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी, जिनमें सहायता क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं, कभी भी प्रतिबंध के अधीन नहीं रहेंगे.
'एनजीओ की महिला-कर्मचारियों पर लगे प्रतिबंध'
हालांकि, पिछले महीने UNAMA प्रमुख रोजा ओटुनबायेवा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि उन्हें ये डरा सता रहा है कि तालिबानी हुकूमत गैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाली महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध को संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों तक बढ़ा सकती है. उसके बाद अब हाल में एजेंसी ने एक ट्वीट में गंभीर चिंता व्यक्त की कि संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों को नांगरहार प्रांत में काम करने से रोका गया है. ट्वीट में कहा गया, "हम अधिकारियों को बताना चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र की संस्थाएँ महिला कर्मचारियों के बिना 'जीवन रक्षक सहायता' का संचालन नहीं कर सकती हैं.,"
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