अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद से महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इन्ही मुश्किलों के बीच अफगानिस्तान की युवा महिला फुटबॉल टीम की प्लेयर्स अपने परिवार वालों के साथ अफगानिस्तान छोड़ दिया है.
उन्होंने अफगानिस्तान से नजरे छिपाते हुए पाकिस्तान पहुंची है. पाकिस्तान पहुंची अफगानिस्तान की युवा महिला फुटबॉल टीम अब वहां से नई तालिबान सरकार के गठन के बाद महिला एथलीटों पर आई मुसीबतों पर चिंता जताते हुए तीसरे देश से शरण मांगेंगी.
30 दिनों बाद दूसरे देश जाएंगी
पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ के एक वरिष्ठ अधिकारी उमर जिया ने बताया कि वे महिला फुटबॉल प्लेयर्स 30 दिनों के बाद किसी अन्य देश में जाएंगी, क्योंकि कई अंतरराष्ट्रीय संगठन उन्हें जैसे, यूके, यूएस औऱ ऑस्ट्रेलिया जैसे देश उन्हें अपने यहां सेटल करने का कार्य कर रहे हैं.
उन्होंने बताया फिलहाल वह लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के अंदर फीफा हाउस में रहेंगी.
जब से अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा जमाया है तब से कई पूर्व और वर्तमान फुटबॉल खिलाड़ी देश छोड़कर भाग गई हैं. इसके अलावा टीम की पूर्व कप्तान ने अभी भी प्लेयर्स को अपने स्पोर्ट्स गियर जलाने और प्रतिशोध से बचने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को हटाने का आग्रह किया है.
इससे पहले भी तालिबान लगा चुका है महिलाओं पर प्रतिबंध
जब इस्लामिक समूह तालिबान ने आखिरी बार 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था, तब लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी और महिलाओं को काम और शिक्षा से प्रतिबंधित कर दिया गया था। महिलाओं को खेलों से प्रतिबंधित कर दिया गया था और यह इस सरकार में भी जारी रहने की संभावना है.
तालिबान के एक प्रतिनिधि ने 8 सितंबर को ऑस्ट्रेलियाई प्रसारक एसबीएस से कहा कि उन्हें नहीं लगता कि महिलाओं को क्रिकेट खेलने की अनुमति दी जाएगी क्योंकि यह "जरूरी नहीं" है और यह इस्लाम के खिलाफ होगा.
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