अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडेन ने शपथ ले ली है. इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने आधिकारिक तौर पर व्हाइट हाउस को छोड़ कर एयरफोर्स के हवाई जहाज मरीन वन से रवाना हो गए हैं. अमेरिका में व्हाइट हाउस न केवल राष्ट्रपति का घर है, बल्कि इससे जुड़े कई आश्चर्यजनक तथ्य भी हैं.
व्हाइट हाउस वास्तव में काफी बड़ा है
सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्हाइट हाउस एक हवेली है. व्हाइट हाउस छह मंजिलों की एक बिल्डिंग है और इसमें 132 कमरे और 35 बाथरूम शामिल हैं. हाल ही में एक मूल्यांकन में व्हाइट हाउस की संपत्ति का मूल्यांकन $ 400 मिलियन तक आंका गया है.
व्हाइट हाउस के आर्किटेक्ट अमेरिकी नहीं थे
व्हाइट हाउस को जेम्स होबन ने डिजाइन किया था, जो एक आयरिश वास्तुकार थे. जेम्स होबन ने 1785 में फिलाडेल्फिया में अपने राज्य में कैरियर की शुरुआत की थी.
हमेशा से नहीं रहा आधिकारिक नाम
1901 तक आधिकारिक रूप से नाम नहीं अपनाया गया था. टेडी रूजवेल्ट ने इसे "कार्यकारी निवास" के नाम से बदलने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि राज्य के राज्यपालों के कार्यकारी आवास थे, और वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि राष्ट्रपति के निवास में अधिक विशिष्ट शीर्षक था.
जॉन एडम्स इसमें रहने वाले पहले राष्ट्रपति थे
हालांकि जॉर्ज वॉशिंगटन को व्हाइट हाउस के निर्माण के लिए जिम्मेदार माना जाता है. उन्होंने ही इसके लिए साइट का चयन किया और इसके डिजाइन को मंजूरी दी. लेकिन वह वास्तव में वहां कभी नहीं रहे. व्हाइट हाउस में रहने वाले पहले राष्ट्रपति जॉन एडम्स हैं.
दासों ने किाया निर्माण
बताया जाता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति भवन का निर्माण अफ्रीकी अमेरिकी गुलामों ने किया था. जिस समय व्हाइट हाउस बनाया गया था, उस समय अमेरिका की स्थिति को देखते हुए इसमें कोई भी आश्चर्यजनक बात नहीं थी.
व्हाइट हाउस में हुई मौतें
व्हाइट हाउस में अब तक दो राष्ट्रपतियों की मौत हो चुकी है. राष्ट्रपति विलियम हेनरी हैरिसन और ज़ाचरी टेलर दोनों की व्हाइट हाउस में मृत्यु हुई है. इसके अलावा तीन राष्ट्रपति की पत्नियों की भी मौत व्हाइट हाउस में हुई है. जिसमें लेटिटिया टायलर, कैरोलिन हैरिसन और एलेन विल्सन शामिल हैं. आज तक व्हाइट हाउस में कुल 10 लोग मारे गए हैं.
भूतों का वास
बताया जाता है कि ऐसे कई मौकों पर व्हाइट हाउस में काम करने वाले कर्मचारी, मेहमानों, राष्ट्रपति और उनकी पत्नियों ने इसमें कुछ असामान्य गतिविधि को महसूस किया है. अफवाह यह है कि अब्राहम लिंकन का भूत अभी भी घर में लोगों को दिखाई देता है.
जॉर्ज वाशिंगटन से प्रेरित ओवल कार्यालय
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन भले ही व्हाइट हाउस में कभी नहीं रहे. वहीं व्हाइट हाउस में ओवल कार्यालय, राष्ट्रपति वाशिंगटन के कमरे के असामान्य आकार के लिए प्रेरित था. वाशिंगटन ने कथित तौर पर अपने फिलाडेल्फिया घर में गोल दीवारें होने पर जोर दिया ताकि यह औपचारिक समारोहों की मेजबानी के लिए उपयुक्त हो. जब ओवल कार्यालय का निर्माण किया गया था, तब इस डिजाइन का पालन किया गया था.
आयरलैंड में एक व्हाइट हाउस ट्विन
अमेरिका के राष्ट्रपति भवन से मिलती जुलती एक इमारत आयरलैंड में भी है. दरअसल व्हाइट हाउस के निर्माण के लिए डिजाइन खोजने के लिए जार्ज वाशिंगटन ने एक प्रतियोगिता रखी थी. जिसके विजेता जेम्स होबन ने यह बताया था कि व्हाइट हाउस का डिजाइन उसके अपने मूल आयरलैंड में एक इमारत से बहुत प्रभावित था.
एक गुप्त प्रवेशद्वार
सभी हाई-प्रोफाइल इमारतों की तरह, व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति और मेहमानों के लिए एक गुप्त प्रवेश द्वार है. यह वाशिंगटन डीसी में एच स्ट्रीट पर खुलता है और व्हाइट हाउस के बेसमेंट में पहुंचने से पहले दो सुरंगों और एक गली से गुजरता है. इस गुप्त प्रवेश द्वार को द्वितीय विश्व युद्ध की प्रतिक्रिया के रूप में डिजाइन किया गया था.
सेवाओं के लिए पेमेंट करते हैं राष्ट्रपति
एक अनुमान के तौर पर सभी लोग सोचते होंगे कि कमांडर-इन-चीफ होने का मतलब है कि व्हाइट हाउस में सब कुछ मुफ्त मिलती होगा. बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, वास्तव में, राष्ट्रपति और उनके परिवार भोजन, ड्राई क्लीनिंग जैसी सुविधाओं के लिए भुगतान करते हैं
मूवी थियेटर से लेकर बॉलिंग की सुविधा
व्हाइट हाउस में 132 अलग-अलग कमरे हैं, जिसमें आरामदायक जिंदगी के लिए काफी सुविधा दी गई है. इसमें बॉलिंग से लेकर 42 सीटों वाले मूवी थियेटर का भी निर्माण किया गया है. वहीं हिलेरी क्लिंटन ने यहां तक कि एक बैठक कक्ष को संगीत कक्ष में परिवर्तित कर दिया ताकि उनके पति सैक्सोफोन बजा सकें.
प्रेस रूम के नीचे हिडेन पूल
व्हाइट हाउस में एक बाहरी स्विमिंग पूल का निर्माण किया गया है. वहीं बताया जाता है कि इसके अंदर एक आंतरिक स्विमिंग पूल को फर्श के नीचे छिपा कर बनाया गया है. इस इनडोर पूल को 1933 में तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने उपयोग के लिए खोला गया था.
एक सदी तक व्हाइट हाउस में नहीं थी बिजली
व्हाइट हाउस पूरी तरह से 1891 तक गैस की रोशनी से जलाया गया था. जिसके बाद व्हाइट हाउस में इलेक्ट्रिक बिजली का आगमन हुआ था. बिजली की रोशनी के रूप में अभी भी एक काफी नई अवधारणा बताई जाती है. उस समय के राष्ट्रपति बेंजामिन हैरिसन बिजली को लेकर काफी डरते थे. इसलिए उन्होंने इलेक्ट्रिक स्विच को कभी अपने हाथों से नहीं छुआ.
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