Attack On America: 9/11 हमले के बाद कैसे बदली दुनिया और कैसे अमेरिका ने लिया इसका बदला
9/11 US Attack: अमेरिका पर हमले के करीब दस साल बाद उसने 2 मई 2011 को एक सीक्रेट मिशन में पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपकर रह रहे लादेन को उसी के गढ़ में घुसकर मार गिराया.
9/11 US Attack: अमेरिका में 11 सितंबर को हुए आतंकी हमले ने ना सिर्फ पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया बल्कि इसने आतंकवाद को लेकर नजरिया भी पूरी तरह से बदल कर रख दिया. अलकायदा की तरफ से किए गए इस आतंकी हमले और अमेरिकी की गगनचुंबी इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाए जाने के बाद विश्व में सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे. महाशक्ति पर हुए इस हमले के बाद अमेरिका ने आतंक के खिलाफ बिगुल बजा दिया.
हमले के बाद ओसामा के जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर ईनाम
उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉर्ज बुश को इस बात को भांपने में ज्यादा समय नहीं लगा कि यह काम अलकायदा के ही आतंकियों ने किया है. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ खुला ऐलान करते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा. हाईजैकर्स में से 15 सऊदी अरब के थे, जबकि बाकी यूएई, मिस्त्र और लेबनान के थे. अमेरिका पर हुए इस हमले के बाद जिंदा या मुर्दा अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादने को पकड़ने के लिए ढाई करोड़ डॉलर का बड़ा ईनाम रखा गया.
इराक पर अमेरिका का हमला
इधर, बदले की आग से धधक रहे अमेरिका ने अपनी सेनाओं को इराक भेज दिया, जहां पर उसका निशाना सद्दाम हुसैन था. दूसरी तरफ, अमेरिका ने अफगानिस्तान से तालिबानी शासन को उखाड़ फेंकने की अपनी कवायद तेज कर दी. 2001 में जब अमेरिका के अंदर अफगानिस्तान पर हमला किया था उस वक्त वह कई हिस्सों में बंटा हुआ था. अलकायदा के कई नेता अंडरग्राउंड हो गए थे, परंतु खत्म नहीं हुए. साथ ही, बीस सालों में अलकायदा के कई नए धड़े दुनियाभर के देशों में सबके सामने आए हैं.
उसने अफगानिस्तान से अलकायदा को करीब-करीब उखाड़ फेंका. अमेरिका पर हमले के करीब दस साल बाद उसने 2 मई 2011 को एक सीक्रेट मिशन में पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपकर रह रहे लादेन को उसी के घरे में घुसकर मार गिराया.
कैसे ओसामा के दिमाग में आया था यह आइडिया
अमेरिका पर इतने बड़े आतंकी हमले के बाद यह सवाल उठने लगे कि आखिर ओसामा बिन लादेन को कैसे इस तरह के हमले का आइडिया आया. द यरूशलेम पोस्ट के अनुसार, साल 1999 में एक पायलट गामिल अल-बातौटी ने इजिप्ट एयर के प्लेन को समुद्र में गिरा दिया था, जिसमें 217 पैसेंजर मारे गए थे. ऐसे माना जाता है कि जब ओसामा बिन लादेन ने उस गामिल के बारे में पढ़ा, उसके बाद वहीं से यह विचार अचानक उसके दिमाग में आया.
ऐसा कहा जाता है कि उस वक्त अचानक लादेन के मुंह यह निकल पड़ा कि क्यों न क्रैश करवा दिया जाए. और उसके करीब दो साल बाद लादेन ने अमेरिका में उस आतंकी घटना को अंजाम दिया, जिसके बारे में किसी ने कल्पना नहीं की थी.
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