ट्रंप के बाद इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सप्लाई पर पीएम मोदी का कहा शुक्रिया
इज़राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा पीएम मोदी को शुक्रिया. ट्वीट में इजरायल के पीएम ने नरेंद्र मोदी के साथ अपनी तस्वीर भी साझा की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने के निर्णय के लिए धन्यवाद कहा है. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस के इलाज में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आपको बता दें कि कल अमरेकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी पीएम मोदी को शुक्रिया कहा था और अपने ट्वीट में भारत-अमेरिका दोस्ती के बारे में भी जिक्र किया था.
इज़राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा है कि मेरे प्यारे दोस्त पीएम नरेंद्र मोदी को इजरायल में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजने के लिए धन्यवाद. इजरायल के सभी नागरिकों की ओर से आपका धन्यवाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अप्रैल को बेंजामिन नेतन्याहू के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी. जहां दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस महामारी और स्वास्थ्य संकट के लिए अपनाई गई रणनीतियों पर चर्चा की थी.
Thank you, my dear friend @narendramodi, Prime Minister of India, for sending Chloroquine to Israel.
All the citizens of Israel thank you! ???????????????? pic.twitter.com/HdASKYzcK4 — PM of Israel (@IsraeliPM) April 9, 2020
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाइड्रोक्सीक्लोरक्वाइन की सप्लाई के लिए शुक्रिया कहा था. ट्रंप ने ट्वीट किया था कि मुश्किल समय में दोस्तों के बीच घनिष्ठ मदद की ज़रूरत होती है. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर फ़ैसले के लिए भारत और भारत के लोगों का शुक्रिया. ट्रंप ने आगे लिखा था कि हम इस मदद को कभी नहीं भुलाएंगे. ट्रंप ने पीएम मोदी को ट्वीट करते हुए आगे लिखा कि इस लड़ाई में मोदी न केवल भारत, बल्कि मानवता की मदद कर रहे हैं.
इससे पहले, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन करने के लिए अपने देश में कच्चे माल के निर्यात की अनुमति देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. आपको बता दें कि भारत दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा निर्माता है. लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय ने देश में संक्रमण से संबंधित मामलों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए दवा और इसके अवयवों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.