आर्थिक कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की "ग्रे" (संदिग्ध) सूची से पाकिस्तान को राहत मिल गई है.एफएटीएफ की ग्रे (संदिग्ध) सूची से शुक्रवार को पाकिस्तान को बाहर कर दिया गया. जिसके बाद इस पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया नजर आई.पाकिस्तान ने कहा कि वैश्विक निगरानीकर्ता (एफएटीएफ) को दिए गए वचन की वजह से  मुल्क की कानून और प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार करने में मदद मिली है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने यह भी कहा कि घरेलू स्तर पर आतंकवाद निरोधक वित्तपोषण और धनशोधन प्रशासन को कठिन परिस्थितियों का सामना करने में और सक्षम मजबूत बनाया है.


पाक एफओ अधिकारी ने क्या कहा?


एफटीएफ से राहत दिए जाने के बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) कहा कि कल रात एफएटीएफ ने आम सहमति से फैसला किया और पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निजात दे दी है.उन्होनें कहा कि देश ने वर्ष 2018 और 2021 में तय किए गए कार्ययोजना के तहत सभी आवश्यक, तकनीकी और प्रक्रियागत जरूरतों को पूरा किया है और इसलिए उसे तत्काल प्रभाव से निगरानी सूची से हटाया जा रहा है.एफओ के अनुसार पाकिस्तान ने ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए हर संभव प्रयास किया है. पाकिस्तान ने दोनों कार्य योजनओं के तहत धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में उल्लेखनीय प्रगति की है.


ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए पाक का हर संभव प्रयास


एफओ विभाग के अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी का सामना करते हुए भी  मुल्क ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद पाकिस्तान में सुधारों का क्रम जारी रखा और दुनिया की बेहतर प्रक्रिया के अनुरूप धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए उच्च स्तर की राजनीतिक प्रतिबद्धता दिखाई और उसमें सफल भी हुए.अपनी प्रतिक्रिया में पाक ने कहा कि ग्रे सूची से बाहर आने के लिए और एफएटीएफ के लक्ष्यों को प्राप्त करना पूरे राष्ट्र का संयुक्त प्रयास शामिल है क्योंकि संघीय और प्रांतीय स्तर के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों ने इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना विशेष योगदान दिया है.


एफटीएफ ने क्यों रखा था पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में?


पाकिस्तान को कल ही एफटीएफ ने ग्रे लिस्ट से बाहर किया है. दरअसल पाकिस्तान के मशहूर व प्रमुख आतंकवादी जिसमें  जैश-ए-मोहम्मद संगठन के प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन के संस्थापक हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी समेत कई आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान कार्रवाई करनें में पाकिस्तान को असफलता का सामना करना पड़ा और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सका जिसके कारण पाकिस्तान एफटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ था.


यह भी पढ़े: FATF ने दी पाकिस्तान को राहत, 4 साल बाद ग्रे लिस्ट से किया बाहर, कहा- टेरर फंडिंग को रोकने के लिए लड़ रहा देश