Imran Khan Vs Sharif Sarkar: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan ) ने पेशावर में शनिवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) (Pakistan Tehreek-e-Insaf- PTI) की कोर कमेटी की बैठक बुलाई है. दरअसल शहबाज शरीफ (shehbaz sharif) सरकार ने इस्लामाबाद (Islamabad) में किसी भी तरह की राजनीतिक रैलियों (Political Rallies ) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. सरकार के इसी फैसले के बाद ही इमरान खान ने यह बैठक बुलाई है. बैठक में विरोध प्रदर्शन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. दरअसल इमरान खान ने गुरुवार को ‘आजादी रैली’ को समाप्त करने  का फैसला लिया था और शहबाज शरीफ सरकार को छह दिन का वक्त देते हुए कहा था कि अगर सरकार आम चुनाव कराने की घोषणा नहीं करती है तो वह ‘संपूर्ण देश’ के साथ राजधानी लौटेंगे. इस पर शहबाज ने कहा था कि उनकी धमकी काम नहीं करेगी और संसद तय करेगी कि चुनाव कब होंगे.


शहबाज सरकार के इस्लामाबाद में किसी भी तरह की राजनीतिक रैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर इमरान को बड़ा झटका दिया है. अब देखना होगा की पूर्व पीएम सरकार के दांव का क्या जवाब देते हैं.


इमरान खान ने इन खबरों को किया खारिज 
इस बीच इमरान खान ने शुक्रवार को उन खबरों को खारिज कर दिया कि उन्होंने देश में आम चुनाव की मांग को लेकर अपनी विशाल ‘आजादी रैली’ को समाप्त करने के लिए पाकिस्तानी सेना के साथ समझौता किया था. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि उन्होंने खून-खराबे से बचने के लिए अपने मार्च को समाप्त करने का फैसला किया.


इमरान खान ने कहा कि देश के कई शहरों में उनकी पार्टी के सदस्यों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद जनता में भारी आक्रोश है. खान ने कहा, "पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए जो किया, उसके बाद मैंने लोगों में काफी नाराजगी देखी वहीं डर था कि अगर हम घोषणा के अनुसार मार्च करते रहे, तो देश अराजकता में डूब जाएगा."


'यह मत सोचें कि यह हमारी कमजोरी है'
इमरान खान ने रैली को समाप्त करने में शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका संबंधी खबरों का हवाला देते हुए कहा, "यह मत सोचें कि यह हमारी कमजोरी है और यह मत सोचें कि कोई सौदा हुआ है. मैं अजीब बातें सुन रहा हूं कि पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ सौदा किया गया. मैंने किसी के साथ कोई सौदा नहीं किया."


डॉन समाचार पत्र की एक रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान (Imran Khan) ने जोर दिया कि रैली को रद्द करने के उनके कदम के पीछे एकमात्र मकसद देश के लिए उनकी चिंता थी. उन्होंने हालांकि जोर दिया कि अगर सरकार (Government ) जल्द चुनाव का आदेश (Election) नहीं देती है तो वह फिर से एक विशाल रैली की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी "आयातित सरकार" को स्वीकार नहीं करेगी.


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