Brazil Jair Bolsonaro Supporters Protest: ब्राजील में बोल्सोनारो समर्थकों के हंगामे के बाद देश में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी बिगड़ गई है. ब्राजील में विरोध-प्रदर्शन से बिगड़े हालात का नजारा भी रविवार (8 जनवरी) को ठीक उसी तरह से दिखाई पड़ा, जिस तरह से इराक, अमेरिका का कैपिटल हिल और श्रीलंका में दिखा था. पूर्व राष्ट्रपति बोल्सेनारो (Jair Bolsonaro) के हजारों समर्थकों ने मौजूदा राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा (Luiz Inacio Lula da Silva) के खिलाफ गुस्सा जताते हुए लोकतंत्र की संस्थाओं पर हमला बोल दिया.
पुलिस ने ब्राजील की सरकारी इमारतों में आक्रामक विरोध प्रदर्शन को लेकर कार्रवाई की है. पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. ब्राजील की सरकार ने कहा है कि सभी प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है.
ब्राजील में संसद और सुप्रीम कोर्ट पर धावा
बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) के हजारों समर्थक सड़कों पर उतर पड़े और राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के खिलाफ आक्रोश जाहिर करते हुए राष्ट्रपति भवन समेत सुप्रीम कोर्ट और संसद भवन पर धावा बोल दिया. बोल्सेनारो के समर्थकों ने काफी उत्पात मचाया. बोलसोनारो समर्थकों ने ब्राजील की लोकतांत्रिक संस्थाओं के बाहर लगे सुरक्षा बैरिकेड्स को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें
बोल्सोनारो के हजारों समर्थकों ने पार्टी के हरे-पीले झंडे के साथ कुछ समय के लिए लोकतंत्र की प्रतीक मानी जाने वाली संस्थाओं पर एक तरह से कब्जा जमा लिया. एक रिपोर्ट के मुताबिक बाजील में रात भर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें होती रहीं. बता दें कि ब्राजील में अक्टूबर में चुनाव हुए थे, जिसमें बोल्सोनारो को हार का सामना करना पड़ा था. बोल्सानारो ने लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के नेतृत्व में वामपंथी पार्टी की जीत को मानने से इनकार कर दिया था.
इराक में भी हुआ था आक्रामक प्रदर्शन
इराक में पिछले साल जुलाई अगस्त के महीने में पूरी तरह से अराजकता के हालात बन गए थे. ताकतवर शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर की ओर से
संन्यास की घोषणा के बाद उनके समर्थक भड़क गए थे. सभी समर्थक हंगामा करते हुए राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे. राष्ट्रपति भवन में स्विमिंग पूल में भी मस्ती करते प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें सामने आई थी. शिया धर्मगुरु के समर्थक और ईरान समर्थक इराकियों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. गोलीबारी में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. बगदाद में अराजकता की स्थिति के बाद प्रशासन लाचार दिख रहा था.
श्रीलंका में भी बिगड़े थे हालात
पिछले साल श्रीलंका में भी अराजकता का माहौल देखने को मिला था. महंगाई और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी की वजह से सरकार से लेकर आम लोगों का हाल बेहाल दिखा था. फ्यूल सेंटर पर लंबी कतारें लगी थीं और खाली रसोई गैस सिलेंडर लिए हजारों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर पड़े थे. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात काफी बिगड़ गए थे. प्रदर्शनकारियों ने यहां तक कि देश के तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया था. राजपक्षे घर छोड़कर भाग गए थे. देश का राजनीतिक माहौल बिल्कुल खराब हो गया था.
अमेरिका में कैपिटल हिल हिंसा
अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग (US Capitol Hill Protest) यानी अमेरिकी संसद भवन के परिसर के बाहर 6 जनवरी 2021 को बड़ी हिंसा हुई थी. इस हिंसा का आरोप डोनाल्ड ट्रंप पर लगा था. दरअसल 6 जनवरी, 2021 को हजारों की संख्या में लोग वाशिंगटन डीसी में कैपिटल हिल के पास इकट्ठा हो गए थे. बताया गया कि इनमें से अधिकतर लोग ट्रंप के समर्थक थे. ट्रंप के समर्थकों ने वाशिंगटन डीसी में कैपिटल हिल पर हमला बोल दिया था. इस दौरान कई आम लोग और सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए थे. जांच कमेटी की रिपोर्ट में भी इस हिंसा के लिए ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया गया.
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