Myanmar Earthquake: जापान के बाद म्यांमार में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, म्यांमार में 2 जनवरी को 3 बजकर 15 मिनट 53 सेंकेड पर भूंकप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप का केंद्र 85 किलोमीटर नीचे था.
सोमवार को नए साल के दिन जापान में 150 से ज्यादा भूकंप के झटके आए. इसके बाद तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई. जापान में भूकंप की वजह से 8 लोगों की मौत हो गई. स्थानीय अधिकारियों ने आशंका जताई की आने वाले समय में मृतकों की संख्या बड़ सकती है.
क्या दुनिया में ज्यादा आ रहे हैं भूकंप के मामले?
भूकंप की वजह धरती के नीचे दो प्लेट्स के टकराने से होती है. आम तौर पर भूकंप तब आता है जब धरती के नीचे सालों से दबी ऊर्जा बाहर निकलने लगती है, इसी क्रम में धरती के नीचे की चट्टानें आपस में टकराती है और धरती कांप जाती है. हालांकि कई वैज्ञानिक भूकंप की बढ़ती घटनाओं को ग्लोबल वार्मिंग से जोड़कर देखते हैं. उनका मानना है कि धरती के वातावरण का तापमान लगातार बढ़ रहा है और इस वजह से ही धरती के नीचे गैसों का तापमान भी बढ़ रहा और भूकंप की घटनाएं हो रही है. हालांकि भूकंप प्राकृतिक घटना है. यानी इसकी वजह सिर्फ ग्लोबल वार्मिंग नहीं हो सकती, कई बार भूकंप दो महाद्वीप (जो अतीत में एक दूसरे से अलग रहे हों) के प्लेट्स टकराने से होती है.
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