Imran Khan: इस वक्त पाकिस्तान बहुत ही खराब आर्थिक हालात से गुजर रहा है. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के पास मात्र तीन हफ्ते का विदेशी मुद्रा भंडार ही बचा हुआ है, जो करीब 4.3 मिलियन डॉलर के करीब है. इस बीच पाक के पीएम शहबाज ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर को लेकर बात करने को कहा था.
शहबाज के बयान के बाद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि जब कोई भी पैसे की पूजा करता है और किसी भी विचारधारा या विश्वास की परवाह नहीं करता है, वो हमारे लिए शर्मनाक बात है. हमारे फाउंडर ने पाकिस्तान के सपने को हासिल करने के लिए बलिदान दिया है, लेकिन सिर्फ इंडियन लॉबी का सपोर्ट पाने के लिए कश्मीरी स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालो के उम्मीदों को दफनाने के लिए भी वो तैयार हैं. इस कश्मीरी स्वतंत्रता संग्राम में हमारे करीब 1 लाख लोगों ने बलिदान दिया है.
पूर्व सेना प्रमुख पर लगाया आरोप
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के नेता और पाक पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा कि उनकी पार्टी का वर्तमान आर्मी से किसी भी तरह का संबंध नहीं है. पाकिस्तान के एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ये जानकारी दी गई. इमरान खान ने कहा कि उनकी पार्टी का मौजूदा सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर से कोई संबंध नहीं है. हालांकि उन्होंने दावा किया है कि आम चुनाव अप्रैल 2023 में होंगे. उन्होंने पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) क़मर जावेद बाजवा पर देश में शासन करने में वर्तमान पाकिस्तान सरकार की मदद करने का आरोप लगाया और कहा कि अब, सरकार को अप्रैल में आम चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. द न्यूज इंटरनेशनल अखबार के हवाले से उन्होंने कहा, "जब वे सत्ता में आए, तो उन्होंने अपने 1,100 अरब रुपये के भ्रष्टाचार के मामलों को खत्म कर दिया था."
आर्थिक संकट के लिए सरकार को दोषी ठहराया
उन्होंने देश के आर्थिक संकट के लिए वर्तमान सरकार को दोषी ठहराया और कहा कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कभी भी ऐसी नहीं थी, इस बात पर जोर देते हुए कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव ही समस्याओं का एकमात्र समाधान है. खान ने कहा, "प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार खरीद-फरोख्त के जरिए सत्ता में आई है.
पीटीआई प्रमुख के मुताबिक, गठबंधन के शासकों ने खुद को कानून से ऊपर रखा और भ्रष्टाचार के उन मामलों को खत्म कर दिया जो उन पर सालों पहले दर्ज थे. द न्यूज इंटरनेशनल अखबार के हवाले से उन्होंने कहा, "शहबाज शरीफ, नवाज शरीफ, आसिफ जरदारी और मरियम नवाज, उनके सभी मामलों को माफ कर दिया गया है."
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