Curfew In Sri Lanka: श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अचानक कर्फ्यू लगा दिया गया है. इससे पूरे देश में हलचल मच गई है. राष्ट्रपति चुनाव के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर श्रीलंका में आज रात (21 सितंबर 2024) 10 बजे से रविवार (22 सितंबर) सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है.
पिछले चुनाव की अपेक्षा कम मतदान हुआ
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने एक राजपत्र जारी कर कर्फ्यू का आदेश लागू किया. कर्फ्यू की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब वोटों की गिनती चल रही है. अभी तक पहले नतीजे घोषित नहीं हुए हैं. एक अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव में लगभग 75 फीसदी मतदान रहने की संभावना है.
चुनाव महानिदेशक समन श्री रत्नायक ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान 75 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो नवंबर 2019 में हुए पिछले राष्ट्रपति चुनाव में दर्ज 83 फीसदी मतदान से कम होगा. श्रीलंका में मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक 22 निर्वाचन जिलों के 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर हुआ.
विदेशी चुनाव पर्यवेक्षकों की हुई थी तैनाती
इस चुनाव में 1.7 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं के मतदान करने की उम्मीद थी, जिसमें सबसे अधिक 38 उम्मीदवार मैदान में थे. वर्ष 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है. इस दौरान, सभी 22 निर्वाचन जिलों में कहीं से भी हिंसा या सुरक्षा उल्लंघन की कोई खबर नहीं आई.
श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए लगभग 8,000 स्थानीय और विदेशी चुनाव पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई थी. इनमें यूरोपीय संघ, राष्ट्रमंडल देशों और एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन्स के 116 और दक्षिण एशियाई देशों के सात अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक शामिल थे.
प्रमुख स्थानीय समूह पीपुल्स एक्शन फॉर फ्री एंड फेयर इलेक्शन (पीएएफएफआरईएल) ने 4,000 स्थानीय पर्यवेक्षकों की तैनाती की थी. इस चुनाव को मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का दावा किया है.
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