ताइवान को लगातार धमकाने में जुटे चीन ने अब अमेरिका को सीधे दिखाई आंख, गुआम अड्डे के पास से गुजरा महाविनाशक युद्धपोत
China warning to America: चीन का महाविनाशक एयरक्राफ्ट किलर मिसाइलों से लैस था. एयरक्राफ्ट कैरियर चीनी जंगी जहाजों के बेड़े का नेतृत्व कर रहा था.
China warning to America: ताइवान को लगातार धमकाने में जुटा चीन अब अमेरिका को भी धमकाने में लग गया है. चीन लगातार अमेरिका के को डराने की कोशिश कर रहा है. ताजा घटनाक्रम में उसने महाविनाशक एयरक्राफ्ट कैरियर लिआओनिंग प्रशांत महासागर में अमेरिका के नौसैनिक बेस गुआम के पास से गुजरा है. चीन के इस हरकत ने साफ कर दिया है कि अमेरिका को वो आंख दिखाने से बाज नहीं आएगा. जापान के अधिकारियों ने इस चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर के गुआम के पास से गुजरने की पुष्टि की है. कई जानकारों का चीन के इस मूव को लेकर कहना है कि वो अपनी इस हरकत से अमेरिका को संदेश देना चाहता है कि ताइवान में उसे किसी भी तरह से अमेरिका का हस्तक्षेप बर्दास्त नहीं है.
किलर मिसाइलों से लैस एयरक्राफ्ट
चीन का महाविनाशक एयरक्राफ्ट किलर मिसाइलों से लैस था. एयरक्राफ्ट कैरियर चीनी जंगी जहाजों के बेड़े का नेतृत्व कर रहा था. इस एयरक्राफ्ट कैरियर ने पिछले दिनों अमेरिका के सहयोगी देश जापान को डराने की कोशिश की थी. जापानी द्वीप ओकिनावा के पास चीनी युद्धपोत से 260 बार फाइटर जेट ने उड़ान भरने का अभ्यास किया था. जापान के इसी अड्डे पर अमेरिका ने अपनी सेना को बड़े पैमाने पर तैनात कर रखा है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी चीन के इस कदम को लेकर एक लेख छापा है. ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर गुआम से अमेरिका के किसी भी हमले से अपने देश की रक्षा करने और ताइवान में हस्तक्षेप से बचाने के लिए तैयार है. आपको बता दें कि चीन की इस हरकत पर अमेरिका की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
यूएस के साथ सामंजस्य को लेकर चीन ने क्या कहा था
यूएस के साथ सामंजस्य को लेकर चीन के रक्षा विभाग ने हाल में ही कहा था कि वह अमेरिका के साथ रचानात्मक बातचीत करना चाहता है लेकिन उसको भी आपसी संबंधो में ईमानदारी दिखानी होगी और यह ईमानदारी शब्दों में नहीं एक्शन में दिखनी चाहिए.
चीनी प्रवक्ता ने ताइवान क्षेत्र में यूएस और पीएलए सेनाओं के तीन बार आमने सामने आने की घटना पर कहा कि इससे बचा जाना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि यूएस आर्मी ने चीन की संप्रभुता और उसकी क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया.