![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
म्यामांर में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां के लोगों को सोशल मीडिया से काटा, बंद किए गए फेसबुक-ट्विटर
यंगून विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ नवि थाजिन ने सेना का विरोध जताते हुए कहा, ‘‘हम उनके साथ एकजुट नहीं हो सकते. हम चाहते हैं कि इस तरह की सरकार जल्द से जल्द गिर जाए.’
![म्यामांर में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां के लोगों को सोशल मीडिया से काटा, बंद किए गए फेसबुक-ट्विटर After temporarily blocked Facebook now Twitter restricted in Myanmar says Internet monitoring group म्यामांर में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां के लोगों को सोशल मीडिया से काटा, बंद किए गए फेसबुक-ट्विटर](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/02/06042521/Myanmar.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां के लोगों को सोशल मीडिया पर देश और दुनिया से भी काटा जा रहा है. म्यामांर की सेना ने पहले वहां पर फेसबुक को अस्थाई तौर पर बंद किया और उसके बाद अब ट्विटर को भी रोक दिया गया है. दूसरी तरफ म्यामांर में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है. चुने हुए नेताओं को सत्ता सौंपने की मांग के साथ शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में छात्र एवं शिक्षक सड़कों पर उतरे.
राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था समेत देश के अन्य भागों में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है. तख्तापलट के बाद से अब तक हुई सबसे बड़ी रैलियों के दौरान यंगून के दो विश्वविद्यालयों में प्रदर्शनकारियों ने विरोध के तौर पर तीन उंगलियों से सलामी दी. प्रदर्शनकारियों ने आंग सान सू ची के लिए लंबी आयु के नारे लगाए और कहा, ‘‘हम सैन्य तानाशाही नहीं चाहते.’’
यंगून विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ नवि थाजिन ने सेना का विरोध जताते हुए कहा, ‘‘हम उनके साथ एकजुट नहीं हो सकते. हम चाहते हैं कि इस तरह की सरकार जल्द से जल्द गिर जाए.’’ म्यामां में सोमवार को सेना द्वारा तख्तापलट करने और एक साल के लिए सत्ता अपने हाथ में लिए जाने की घोषणा के बाद से ही इस कदम को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी है.
इस घोषणा के विरोध में आम लोगों के साथ ही विपक्ष ने भी देश के सबसे बड़े शहर यंगून में हर रोज शाम को खिड़कियों पर खड़े होकर बर्तन बजाना शुरू किया है. हालांकि, अब लोग तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतरना शुरू कर रहे हैं. इनमें छात्र एवं चिकित्साकर्मी भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ ने काम करने से इंकार कर दिया है.
पूर्व में सैन्य तानाशाही के खिलाफ हुए आंदोलन में भी छात्रों की अहम भूमिका रही है. सेना विरोध को दबाने के मकसद से विपक्ष के कुछ नेताओं को गिरफ्तार करने के साथ ही फेसबुक पर भी रोक लगा रही है ताकि प्रदर्शनकारी एकत्र होने की योजना नहीं बना सकें.
ये भी पढ़ें: UNSC ने हिरासत में लिए गए म्यामांर के नेताओं को तत्काल रिहा करने की अपील की
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शशांक शेखर झा, एडवोकेट](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/9b8abdc403deb156892be83734d70d7b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)