2008 की वैश्विक मंदी के बाद 2017 में सबसे कम बढ़ी लोगों की सैलरी, एक देश रहा अपवाद
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी की ताजा वैश्विक वेतन रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दुनियाभर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को 20 प्रतिशत कम वेतन मिलता है. आईएलओ ने 136 देशों के आंकड़ों के हवाले से कहा कि 2016 में वेतनवृद्धि की दर 2.4 प्रतिशत रही थी, जो पिछले साल घटकर 1.8 प्रतिशत रह गई.
जिनेवा: वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद 2017 में वेतनवृद्धि की रफ्तार सबसे सुस्त रही है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने सोमवार को कहा कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मजबूत आर्थिक वृद्धि और बेरोजगारी घटने के बावजूद वेतनवृद्धि सुस्त पड़ी है.
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी की ताजा वैश्विक वेतन रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दुनियाभर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को 20 प्रतिशत कम वेतन मिलता है. आईएलओ ने 136 देशों के आंकड़ों के हवाले से कहा कि 2016 में वेतनवृद्धि की दर 2.4 प्रतिशत रही थी, जो पिछले साल घटकर 1.8 प्रतिशत रह गई.
हालांकि, अगर चीन को इससे बाहर रखा जाए, तो श्रमिकों की स्थिति और ख़राब नजर आती है. चीन में बड़ी आबादी और उनके बढ़ते वेतन का इन आंकड़ों में प्रमुख योगदान रहा है. चीन को अलग करने के बाद पिछले साल वेतनवृद्धि सिर्फ 1.1 प्रतिशत बैठती है जबकि 2016 में यह 1.8 प्रतिशत रही.
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