China-Canada Relations: भारत से पंगा लिया तो अमेरिका ने सिखाया सबक, अब चीन के इस फैसले से ट्रूडो के छूटेंगे पसीने!
China-Canada: कनाडा के मानवाधिकार समूहों ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर शोषण किया है.
China-Canada Relations: भारत के साथ पहले ही अपने संबंधों को बिगाड़ने वाले कनाडा के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है. इस बार मामला चीन से जुड़ा हुआ है, जिसने जस्टिन ट्रूडो की सरकार को जोरदार झटका देने की तैयारी कर ली है. चीन उइगर मुस्लिम और तिब्बत से संबंधित मानवाधिकार के मुद्दों में शामिल कनाडा के 2 संस्थानों के करीब 20 लोगों पर बैन लगाने जा रहा है. चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार (21 दिसंबर) को घोषणा करते हुए कहा कि वो बैन लगाने से जुड़े मामले के अंतर्गत लोगों की संपत्ति जब्त करेगा और देश में उनके एंट्री पर भी रोक लगाएगा. इस कड़ी में उन्होंने काम करना भी शुरू कर दिया है, जिसके मुताबिक संपत्तियों को जब्त करने का चालू कर दिया गया है.
इस प्रतिबंध के तहत, उइगर संस्थान से जुड़े 15 और तिब्बत समिति के पांच सदस्यों की चीन में संपत्तियों को फ्रीज किया गया है. इसके अलावा, इन व्यक्तियों के हांगकांग और मकाऊ सहित पूरे चीन में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, इस कदम पर बीजिंग में कनाडाई दूतावास या मानवाधिकार संगठनों की कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
मानवाधिकार समूहों के आरोप
कनाडा के मानवाधिकार समूहों ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर शोषण किया है. लगभग एक करोड़ उइगर मुसलमानों को कथित रूप से नजरबंदी शिविरों में रखा गया है, जहां उनसे जबरन मजदूरी करवाया जाता है. हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये शिविर पुनर्वास और शिक्षा के लिए हैं. चीन ने 1950 में तिब्बत पर नियंत्रण किया था और इसे "शांतिपूर्ण मुक्ति" कहा था. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और निर्वासित तिब्बती समुदायों ने इसे दमनकारी शासन करार दिया है और समय-समय पर इसकी निंदा की है.
जस्टिन ट्रूडो के लिए चुनौतीपूर्ण समय
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इन दिनों आंतरिक और बाहरी संकटों का सामना कर रहे हैं. उनके कार्यकाल में कनाडा के अमेरिका, भारत और चीन जैसे प्रमुख देशों के साथ संबंध खराब हुए हैं. ये तीनों देश वैश्विक स्तर पर अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं.इसके अलावा, कनाडा में उनकी लोकप्रियता तेजी से घट रही है. उनके पूर्व सहयोगी और एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है, जिससे ट्रूडो की सरकार पर दबाव और बढ़ गया है.
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