नई दिल्लीः भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने ब्रिक्स देशों के अपने समकक्षों के साथ ही शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान शी जिनपिंग ने सदस्य देशों के सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गुट ने जटिल राजनीतिक और आर्थिक हालात का सामना किया है.


ब्रिक्स देशों के एनएसए के सातवें सम्मेलन से इतर पांचों सदस्य देशों के सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत में शी ने कहा कि जनता के बीच आदान-प्रदान, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा में सहयोग समय की मांग है.


डोभाल की शी से यह मुलाकात सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जारी गतिरोध के बीच हुई है़. इससे पहले, ब्रिक्स सम्मेलन से इतर गुरुवार को डोभाल और चीन के शीर्ष राजनयिक यांच जिएची ने मुलाकात की थी.


शी ने कहा, "मुझे लगता है कि यहां इस सम्मेलन का आयोजन करना हमारे (ब्रिक्स) लिए लाभदायक व जरूरी है. पिछले 10 वर्षो से हमारे बीच सहयोग बरकरार रहा है, जिसने विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों व संस्थानों को सुरक्षित रखते हुए दुनिया के विभिन्न हिस्सों को जोड़ा है."


उन्होंने कहा, "मैं इस पर विचार करता रहा हूं कि हमारे सहयोग का शुरुआती बिंदू अर्थव्यवस्था और वित्त के क्षेत्र में सहयोग है. अर्थव्यवस्था, वित्त, मानवता, संस्कृति और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने के लिए अपनी मांगों के साथ ही हम अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, सुरक्षा तथा राजनीति की जटिल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. हम एक दूसरे से और गहराई से जुड़ेंगे और भविष्य में और तरक्की करेंगे."


शी ने कहा, "ब्रिक्स देशों के बीच रणनीतिक परस्पर विश्वास को बढ़ावा देने की दिशा में आप सब ने बेहद प्रयास किया है." उन्होंने कहा कि वह ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के विचार जनना चाहेंगे.


शी के साथ बैठक के साथ ही डोभाल की दो दिवसीय बीजिंग यात्रा का समापन हो गया.


सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध के बीच डोभाल तथा चीन के स्टेट काउंसिलर यांग के बीच मुलाकात भारत के लिए बेहद अहम है. भारत व भूटान का कहना है कि डोकलाम भूटान का हिस्सा है, जबकि चीन ने इस क्षेत्र पर अपना दावा किया है.


एनएसए बैठक के उद्घाटन कार्यक्रम में शुक्रवार को डोभाल ने पांचों सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने की अपील की.


उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को आतंकवाद से मुकाबले में नेतृत्व दर्शाना चाहिए. डोभाल ने यह भी कहा कि इस सम्मेलन के नतीजे का असर सितंबर में शियामेन में होने वाली ब्रिक्स सुरक्षा बैठक पर पड़ेगा.