भारतीय समुदाय के सदस्यों का कहना है कि न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में स्थित अक्षरधाम मंदिर अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों के बढ़ते असर का एक शक्तिशाली प्रतीक बनकर उभरा है, जो उनके आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है.


अमेरिका में स्थित इस सबसे बड़े हिंदू मंदिर की लंबी यात्रा इस बात का प्रतिबिंब है कि किस प्रकार भारतीय समुदाय देश में मजबूत हुआ है और वे महत्वपूर्ण अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी एक अहम ताकत बन गए हैं. अक्षरधाम मंदिर में दिवाली उत्सव के लिए पूरे सप्ताह भारतीय समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ी. बीएपीएस मंदिर में अक्सर स्वयंसेवक के तौर पर कार्य करने वालीं न्यू जर्सी निवासी स्वाति पटेल ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अवसर मिलना खुशी की बात है.


स्वाति पटेल ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारतीय समुदाय प्रभावशाली है. अब हम स्थानीय सरकार में और हर जगह कुछ दक्षिण एशियाई लोगों का प्रतिनिधित्व देख सकते हैं. मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सिर्फ चुनावों में मतदान करना है. अमेरिका में जन्म लेना और बड़ा होना और यहां मतदान करने में सक्षम होना एक बहुत ही खुशी की बात है.'


उन्होंने कहा, 'बचपन में मेरे पिता मुझे मतदान केंद्र ले जाते थे. कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव कौन सा है, हमें बस इस अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए. यही हमारी आवाज को बुलंद करने का तरीका है.' कई दशकों से बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम से जुड़े विनोद पटेल ने कहा कि हिंदू समुदाय ने अपने सदस्यों को एक इकाई के रूप में आकार देने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए हैं.


उन्होंने कहा, 'जब हमने 50 साल पहले शुरुआत की थी, तब हिंदू या भारतीय बहुत कम थे. उस समय दिवाली का माहौल अलग था, यह एक-दूसरे से मिलने और इस बात पर विचार करने के लिए था कि हम भारत में कैसे इस त्यौहार को मनाएंगे... हिंदुओं में एकजुटता बढ़ी है और भारतीय समुदाय का प्रभाव काफी बढ़ा है. उदाहरण के लिए, आज अगर आप प्रौद्योगिकी की दुनिया को देखें, तो बड़ी कंपनियों में भारतीय सीईओ हैं. उस समय ऐसा सुनने में नहीं आता था.' रॉबिंसविले में 220 एकड़ में फैला अक्षरधाम मंदिर भारत की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है.


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