Al Aqsa Mosque: इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री और दक्षिणपंथी नेता इतामार बेन-गवीर ने हिंसा की चेतावनी के बावजूद अल-अक्सा मस्जिद परिसर का मंगलवार को दौरा किया. बेन-गवीर के दौरे को फिलिस्तीन ने जानबूझकर उकसावे वाला बताया है और इसकी कड़ी निंदा की. अल-अक्सा मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. यह एक पहाड़ी की चोटी पर है जो यहूदियों के लिए भी सबसे पवित्र स्थल है. अल-अक्सा मस्जिद को लेकर विवाद काफी पुराना है.


दौरे के बाद बेन गवीर ने कहा कि वह "हमास की धमकियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे." दरअसल, बेन गवीर के अल-अक्सा मस्जिद के दौरे के बाद फिलिस्तीन ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वो रेड लाइन को पार कर रहे हैं. वहीं अल-अक्सा मस्जिद विवाद के बीच में यूएई और चीन ने हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक करने का अनुरोध किया है. 


बेन गवीर की यात्रा से हिंसा भड़क जाएगी- पूर्व पीएम
इजराइल के विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री येर लापिड ने चेतावनी देते हुए कहा है कि बेन गवीर की ऐसी यात्रा से हिंसा भड़क जाएगी. बता दें कि अल-अक्सा मस्जिद में मुस्लिम लोगों को केवल नमाज पढ़ने की अनुमति है. इस बात का कोई संकेत नहीं था कि बेन गवीर ने अपनी यात्रा के दौरान प्रार्थना की. 


दौरा हिंसा भड़काने और दंगे को उकसाने वाला- फिलिस्तीन 
फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने बेन गवीर को चरमपंथी करार दिया और अल-अक्सा मस्जिद के दौरे को लेकर निंदा की. मंत्रालय ने इस दौरे को हिंसा भड़काने और दंगे को उकसाने वाला बताया. पिछले 5 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी इजराइली मंत्री ने अल-अक्सा मस्जिद का दौरा कर फिलिस्तीन, अरब राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समूदाय को एक चुनौती दी है


मुस्लिम देशों ने की कड़ी निंदा
वहीं इस दौरे की मुस्लिम देशों ने की कड़ी निंदा की है. जॉर्डन ने अम्मान में इजरायल के राजदूत को तलब किया और कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि इजरायल ऐसे सभी उल्लंघनों को तुरंत बंद करे. जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सिनान मजली ने एक बयान में कहा, इजरायल के एक मंत्री द्वारा अल-अक्सा मस्जिद का दौरा करना और मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन करना एक निंदनीय और उत्तेजक कार्रवाई है. यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. मिस्र और लेबनान के विदेश मंत्रालयों ने भी बेन-गवीर की अल-अक्सा परिसर की यात्रा का विरोध किया है.


मालूम हो कि अल अक्सा मस्जिद जिस क्षेत्र में स्थिति है, वहां पूरी तरह से इजरायल का नियंत्रण रहा है और इजरायल की निगरानी में ही वहां पर फिलिस्तीन के नागरिक पहुंच पाते हैं. बेन-गवीर ने अपनी यात्रा के बाद ट्विटर पर लिखा कि, ये साइट सभी के लिए खुली है और अगर हमास को लगता है, कि अपनी धमकी से मुझे डरा देगा, तो उन्हें समझना चाहिए कि समय बदल गया है.