यरुशलम: अल-जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की बुधवार को तड़के वेस्ट बैंक में गोली लगने से मौत हो गई. उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन कस्बे में इज़राइली सेना की कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में शिरीन अबू अकलेह की मौत हो गई. उस समय वह रिपोर्टिंग के लिए मौके पर मौजूद थीं. प्रसारक अल-जज़ीरा ने अपनी पत्रकार की मौत के लिए इज़राइली बलों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि इज़राइली सेना का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है.
मशहूर फलस्तीनी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह अरबी भाषी चैनल की एक जानी-मानी रिपोर्टर थीं. गोली लगने के तुरंत बाद ही उनकी मौत हो गई थी. कतर के प्रसारक ने अपने चैनल पर जारी किए गए एक बयान में कहा, ‘‘ हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हैं कि वह हमारी सहयोगी शिरीन अबू अकलेह को जानबूझकर निशाना बनाने और उनकी जान लेने के लिए इज़राइली बलों की निंदा करें और उनकी जवाबदेही तय करें.’’ घटना के एक वीडियो में, अबू अकलेह नीले रंग की ‘फ्लैक’ जैकेट पहने नजर आ रही हैं, जिस पर स्पष्ट रूप से ‘‘प्रेस’’ लिखा हुआ है.
इजराइली सेना ने दी ये प्रतिक्रिया
वहीं, इज़राइली सेना ने कहा कि जेनिन में उनके बल पर भारी गोलीबारी की गई और विस्फोटकों से हमले किए गए और तब उसकी सेना ने जवाबी कार्रवाई की. सेना ने कहा, ‘‘ वह घटना की जांच कर रही है और हो सकता है कि पत्रकार फलस्तीनी बंदूकधारियों की गोलीबारी की चपेट में आ गई हों.’’
इज़राइल के विदेश मंत्री याइर लापिड ने कहा कि उन्होंने फलस्तीनी प्राधिकरण को रिपोर्टर की मौत की संयुक्त जांच का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ पत्रकारों को संघर्ष वाले क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. सच्चाई का पता लगाना हम सभी की जिम्मेदारी है.’’
फलस्तीनी प्राधिकरण ने की हमले की निंदा
फलस्तीनी प्राधिकरण ने हमले की निंदा की और कहा कि यह इज़राइली बल द्वारा किया गया एक ‘‘चौंकाने वाला अपराध’’ है. फलस्तीनी प्राधिकरण, कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर शासन करता है और सुरक्षा मामलों पर इज़राइल का सहायोग भी करता है.
यरुशलम में जन्मी अबू अकलेह 51 वर्ष की थीं. उन्होंने 1997 में अल-जज़ीरा के लिए काम शुरू किया था और नियमित रूप से फलस्तीनी क्षेत्रों से रिपोर्टिंग कर रहीं थीं.
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