Al Qaeda Chief Al-Zawahiri Killed: अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी का अंत हो गया है. अमेरिका ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत अल-कायदा (Al-Qaeda) सरगना अल-जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को ढेर कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने भी इस बारे में पुष्टि की है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी में था, उसी समय उसे निशाना बनाते हुए दो मिसाइलें (Missiles) दागीं गई और वो मारा गया. इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका ने आतंक के इस आका को ढेर करने के लिए पाकिस्तानी बेस की मदद ली हो.


अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक ड्रोन हमले में अलकायदा सरगना अल-जवाहिरी तो ढेर हो गया, लेकिन उसके परिवार या फिर किसी और नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ. 


पाकिस्‍तान की भूमिका पर सवाल


अमेरिका ने अफगानिस्‍तान में घुसकर अलकायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी का खात्मा कर दिया है. माना जा रहा है कि हक्‍कानी नेटवर्क ने ही अपने सुरक्षित ठिकाने पर आतंक के सरगना को पनाह दे रखी थी. 31 जुलाई को सुबह 6.18 पर अल जवाहिरी मारा गया. 2 दिन बाद अमेरिका ने पूरी तरह से पुष्टि के बाद मारे जाने का एलान किया है. बताया जाता है कि काबुल के शेरपुर इलाके में अल जवाहिरी छिपा था, जैसे ही घर से निकला अमेरिकी ड्रोन के जरिए हमला किया गया. जवाहिरी के खात्मे के बाद अब पाकिस्‍तान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका ने ऑपरेशन को अंजाम देने और जवाहिरी को मार गिराने के लिए पाकिस्तानी बेस का इस्तेमाल किया हो. 


पाक सेना प्रमुख ने की थी अमेरिकी जनरल से बात!


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अलकायदा चीफ जवाहिरी पर मिसाइल हमले से दो दिन पहले ही अमेरिकी सेना के एक शीर्ष जनरल ने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा से बातचीत की थी. मीडिया रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के चीफ भी कुछ दिन पहले ही अमेरिका के दौरे पर गए हुए थे. हालांकि पाक सेना के सूत्रों ने ऑपरेशन में किसी तरह की भूमिका से इनकार किया है. पाक सेना के सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि जवाहिरी पर हमले के लिए अमेरिकी कार्रवाई में पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल नहीं किया गया.


जवाहिरी के खात्मे के लिए पाक बेस का इस्तेमाल?


पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा की बातचीत और ISI चीफ के अमेरिकी दौरे इस बात के संकेत हैं कि जवाहिरी के बारे में जानकारी देने में पाकिस्तान की अहम भूमिका हो सकती है. इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कार्रवाई को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की सैन्य बेस का इस्तेमाल हुआ हो. एक्सपर्ट का भी मानना है कि अमरिका का ड्रोन विमान बिना पाकिस्तानी सेना प्रमुख की इजाजत के पाकिस्तानी एयर स्पेस से उड़कर नहीं जा सकता था.


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