अमेरिका पर एक और बड़े हमले की चेतावनी, 9/11 की 20वीं बरसी पर फिर जिंदा हुआ अलकायदा का मुखिया अल जवाहिरी
अमेरिका में हुए 9/11 हमले की 20वीं बरसी के बाद अलकायदा के अल जवाहिरी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें अमेरिका पर 9/11 जैसे हमले की ही चेतावनी दी जा रही है.
अफगानिस्तान से 20 साल बाद अमेरिका वापस तो लौट गया है लेकिन उसके साथ ही उसके ऊपर एक और आतंकी हमले का खतरा भी लौटा है. आतंकी संगठन अल कायदा के मुखिया अल जवाहिरी का एक ताजा वीडियो सामने आया है. अभी तक ये माना जाता था कि अल जवाहिरी की मौत हो चुकी है लेकिन 9/11 की 20वीं बरसी पर नजर आया. जिहादी वेबसाइट पर नजर रखने वाली संस्था द साइट इंटैलिजेंस ग्रुप के मुताबिक, ये वीडियो शनिवार को रिलीज किया गया है. अल जवाहिरी ने इस वीडियो में एक बार फिर अमेरिकी को धमकी दी है.
वीडियो में आतंकी संगठन अल कायदा का प्रमुख अल जवाहिरी ने चेतावनी देते हुए कहा, 'मौजूदा वक्त की मांग है कि हम दुश्मन पर सैन्य और आर्थिक हमला कर उसे कमजोर करें और उसे घुटने टेकने पर मजबूर कर दें. इसलिए ही ये बहुत जरुरी है कि अपने प्रभाव क्षेत्र से बाहर जाकर दुश्मनों पर हमला किया जाए. दुश्मनों की जमीन पर हुए हमले बेहद अहम हो जाते हैं. इसी वजह से 'तल अल सिम्न' जैसा ऑपरेशन बेहद अहम हो जाता है, ये ऑपरेशन दुश्मन सेना पर हमले का सटीक उदाहरण है.'
हालांकि द साइट इंटैलिजेंस ग्रुप का अंदाजा है कि ये वीडियो हाल फिलहाल में शूट नहीं किया गया है. वीडियो जनवरी के बाद शूट किया लगता है. अल जवाहिरी ने वीडियो में अफगानिस्तान पर तालिबान कब्जे का जिक्र नहीं किया है. अल जवाहिरी के वीडियो का इस तरह दोबारा आना अमेरिका के लिए बड़ा खतरा भी माना जा रहा है, क्योंकि अब अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जा है, इसलिए उसकी धरती का आतंकी इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता.
तालिबान के 'आका' चीन ने अमेरिका को चेताया!
चीन तालिबानी शासन को मान्यता देने पर अड़ा और इस आतंकी सरकार के लिए सबसे बड़ा मददगार बनकर उभरे चीन ने भी अमेरिका को आतंकी हमले से सजग रहने की हिदायत दी है. चीनी सरकार के अखबार ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिंन ने ट्वीट किया है. लिखा, '11 सितंबर का हमला 19 आतंकियों का आत्मघाती हमला था, लेकिन ये आतंकवाद का आत्मघाती हमला नहीं था. आतंकवाद अगले भयानक हमले के लिए ताकत इकट्ठा करेगा. समय बताएगा कि चीन को अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझना अमेरिका की भारी भूल थी.'
अमेरिका और चीन की अदावत जग जाहिर है, अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद अमरिकी सेना वापस लौटी और चीन ने नए सिरे से तालिबान को खलकर समर्थन देना शुरू किया, तो दुनिया ने इसकी अलोचना की. जिसमें अमेरिका भी शामिल था. लेकिन शैतानी गठजोड़ की तलाश में रहने वाले चीन ने उलटा अमेरिका पर ही दोष मढ़ते हुए कहा कि अफगानिस्तान के हालात के लिए सिर्फ अमेरिकी ही जिम्मेदार है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, '9/11 के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो युद्ध शुरू किया वो 20 साल तक चला. लेकिन ये युद्ध ना सिर्फ आतंकियों को खत्म करने में असफल रहा बल्कि इस दौरान अफगानिस्तान से कई आतंकी संगठन और विदेशी आतंकियों का भी तेजी से उदय हुआ. अफगान संकट का सबसे बड़ा गुनहगार अमेरिका है और उसे इससे सबक लेना चाहिए.'
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