Ameen-Ul-Haque Arrested: डॉक्टरी छोड़कर बना आतंकवादी, कभी संभालता था लादेन की सुरक्षा, हुआ गिरफ्तार
Ameen-Ul-Haque: अफगानिस्तान के नांगरहार में पैदा हुए अमीन ने डॉक्टरी छोड़ 80 के दशक में अफगानिस्तान के आतंकी संगठन हिज्ब-ए इस्लामी खालिस को जॉइन किया था. कुछ साल बाद वह अलकायदा से जुड़ गया था.
Al Qaeda Terrorist Ameen-Ul-Haque Arrested: अलकायदा नेता और ओसामा बिन लादेन के करीबी रहे अमीन-उल-हक को पाकिस्तान में अरेस्ट किया गया है. पाकिस्तान पंजाब के काउंटर टेरिरिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने इसकी पुष्टि की है. हालांकि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने अब तक इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक CTD ने सूचना मिलने के बाद अमीन-उल-हक को शुक्रवार (19 जुलाई 2024) को गुजरात (पाकिस्तान) के सराय आलमगीर कस्बे से गिरफ्तार किया. इससे पहले 2008 में भी उसे पाकिस्तानी सेना ने पकड़ा था, लेकिन तब तीन साल बाद छोड़ दिया था.
संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सूची में नाम
सूत्रों की मानें तो अमीन उल-हक मूलरूप से अफगानिस्तान का रहने वाला है, लेकिन उसके पास से पाकिस्तान का आईडी कार्ड मिला है. इस आईडी कार्ड में लाहौर और हरिपुर का एड्रेस दिया गया है. पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के अनुसार, अमीन-उल-हक के खिलाफ आतंकी हमलों से जुड़ी साजिश रचने के आरोप में पंजाब में मुकदमा दर्ज कराया गया है. अमीन का नाम संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सूची में भी शामिल है. अमेरिका ने 2001 में ग्लोबल आतंकवादियों की सूची में भी इसका नाम था.
डॉक्टर से कैसे बना लादेन का गार्ड
अमीन अफगानिस्तान के नांगरहार में 1960 में पैदा हुआ था. वह पेशे से डॉक्टर था. वह 80 के दशक में अफगानिस्तान के आतंकी संगठन हिज्ब-ए इस्लामी खालिस से जुड़ गया और सोवियत के खिलाफ जंग में शामिल हुआ था. इसके कुछ साल बाद वह अलकायदा से जुड़ गया था.
ओसामा को पाकिस्तान पहुंचाने में की मदद
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2001 में अमेरिका पर हमले के बाद जब अमेरिका ओसामा लादेन को तलाश रही थी, तब उसे बचाने में अमीन ने ही मदद की थी. वही ओसामा को अफगानिस्तान से छिपाकर पाकिस्तान तक लाया था. उसके छिपने की व्यवस्था भी उसी ने की थी. अमीन ब्लैक गार्ड का सिक्योरिटी कॉर्डिनेटर था. ब्लैक गार्ड के पास ही ओसामा की सुरक्षा का जिम्मा था. 2007 में अमीन भी पाकिस्तान में आकर छिप गया. यहां 2008 में उसे सेना ने अरेस्ट किया था, लेकिन 3 साल बाद यानी साल 2011 में उसे छोड़ दिया गया.
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