Belarus President : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी और यूरोप के आखिरी तानाशाह के रूप में मशहूर अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने मंगलवार (25 मार्च) को फिर से राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने सातवीं बार बेलारूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने खुद को तानाशाह बुलाने वाले लोगों, विशेषकर पश्चिमी देशों का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा, “बेलारूस में उन देशों के मुकाबले अधिक लोकतंत्र है, जो खुद तो इसका मॉडल मानते हैं.”
लुकाशेंको ने सत्ता में पूरे किए तीन दशक
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने पिछले ही सत्ता में अपने तीन दशक पूरे किए हैं और उन्होंने 26 जनवरी को हुए चुनाव को अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए एक करारा तमाशा करार दिया. वहीं, बेलारूस के चुनाव आयोग ने घोषणा की कि लुकाशेंको ने करीब 87 प्रतिशत वोटों के साथ चुनाव में जीत हासिल की है. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में उनके सामने चार प्रतिकात्मक उम्मीदवार खड़े थे, जो लुकाशेंको के वफादार व्यक्ति माने जाते थे और जिन्होंने देश में लुकाशेंको के शासन की खुद प्रशंसा भी की है.
2020 में लुकाशेंको के खिलाफ हुए थे विरोध प्रदर्शन
साल 2020 में जब अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था, तब करीब 90 लाख लोगों ने कई महीनों तक व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन इसे क्रूरता से दबा दिया गया. वहीं, राष्ट्रपति ने विपक्ष के करीब सभी नेताओं को जेल में डाल दिया है या वे विदेशों में निर्वासन में रह रहे हैं.
विरोध प्रदर्शन के बाद 65 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने हजारों लोगों को पुलिस ने पीटा. इसके अलावा स्वतंत्र मीडिया आउटलेट और NGO को भी बंद कर दिया गया और यहां तक कि प्रतिबंध तक लगा दिया गया. वही, लुकाशेंको को इस कदम के बाद पश्चिमी देशों ने काफी आलोचना की और बेलारूस पर कई प्रतिबंध तक लगाए थे.
लुकाशेंको के शपथ ग्रहण में मौजूद थे हजारों समर्थक
मंगलवार (25 मार्च) को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हजारों की संख्या में अलेक्जेंडर लुकाशेंको के समर्थक मौजूद थे. इस दौरान राष्ट्रपति ने अपने आलोचकों को विदेशी गुलाम कहकर उनकी निंदा की.