नई दिल्ली: क्या आईटी सेक्टर में चीनी कर्मचारियों को हफ्ते में छह दिन सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करना चाहिए? यह पूरे चीन में बहस का विषय बना हुआ है. इन दिनों मेट्रो परिसर हो कॉलोज परिसर छात्रों के बीच इस विषय पर चर्चा हो रही है.


दरअसल बहस तब शुरू हुई जब चीन के प्रोग्रामर्स ने ऑनलाइन कोड शेयरिंग कॉम्युनिटी 'GitHub' पर काम की खराब स्थिति के खिलाफ मुहिम छेड़ा. 996.ICU नाम का यह कैंपेन इस साइट पर सबसे अधिक लोकप्रिय हो गया. '996.ICU' प्रोजेक्ट पेज पर लिखा गया है- 996 वर्ककल्चर का पालन करके आप खुद को ICU में पहुंचाने का जोखिम ले रहे हैं. 12 घंटे की शिफ्ट को लेकर व्यापक रूप से WeChat और Weibo पर चर्चा की गई है. साथ ही राज्य में चलने वाले मीडिया समूह में भी इस विषय पर चर्चा हो रही है.


बता दें कि हाल में ही चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा ने कहा था कि अलीबाबा में नौकरी करनी है तो हफ्ते में छह दिन और रोजाना 12 घंटे काम करना होगा. मा ने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत नहीं जो 8 घंटे नौकरी करने की सोच रखते हैं.


चीन में यह डीबेट एक ऐसे वक्त पर हो रही है जब यूरोप में एक ऐसी ही बहस चल रही है. वहां पर लोग हफ्ते में चार दिन काम करने का का सुझाव दे रहे हैं. उनका कहना है कि कम काम करने से उच्च उत्पादकता और बेहतर काम के साथ जीवन संतुलन बना रहता है.


सरकारी मीडिया आउटलेट्स के रिपोर्ट में मंगलवार को उद्यमियों को तकनीकी उद्योगों में 12-घंटे के कार्य शेड्यूल के नियमों का पालन करने और अराजकता से बचने को कहा गया. चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के एक ऑप-एड में "996 अनुसूची" को "श्रम कानून का उल्लंघन" करार दिया.


इस बीच बीजिंग ज़ीलिन लॉ फ़र्म में झाओ ज़ानलिंग ने श्रमिकों पर "996" को "अवैध" करार दिया और कहा कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए श्रम कानून यह कहता है कि कंपनी अपने श्रमिकों को दिन में आठ घंटे और सप्ताह में 44 घंटे से अधिक काम करने के लिए बाध्य न करें. "उन्होंने कहा," कंपनी को ओवरटाइम काम के लिए कर्मचारियों को सामान्य वेतन का कम से कम 1.5 गुना भुगतान करना चाहिए.''


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