Alien On Earth : धरती पर हमारे बीच रहते हैं एलियन!, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया खुलासा
Alien On Earth : हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एलियंस पर रिसर्च कर रहे शोधकर्ताओं के मुताबिक एलियंस इंसानों के बीच छिपकर रह रहे हो सकते हैं
Alien On Earth : ब्रह्मांड में एलियन का अस्तित्व है या नहीं इसको लेकर वैज्ञानिक दिन रात रिसर्च करने में जुटे हैं. ऐसे में जब भी आसमान में कोई अजीब सी चीज उड़ती दिखाई देती है. तब एलियंस का जिक्र लोगों की जुबान पर आता है. अब ऐसी ही एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें संभावनाएं जताई गई हैं कि एलियन हमारे बीच छिपकर रह रहे हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एलियंस पर रिसर्च कर रहे शोधकर्ताओं के मुताबिक एलियंस इंसानों के बीच छिपकर रह रहे हो सकते हैं. अध्ययन में कहा गया कि एलियन मनुष्यों के साथ गुप्त रूप से रह रहे हैं.पिछले साल सितंबर में भी सैकड़ों UFO देखे जाने की NASA ने पुष्टि की थी. हालांकि, जांच में पाया गया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ऐसी घटनाओं के पीछे एलियंस थे.
इंसानों के बीच रहते हैं एलियन?
शोधकर्ताओं ने इस बार क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल शब्द का इस्तेमाल किया है, इसका मतलब ऐसे काल्पनिक जीवों से होता है, जो इंसानों के बीच रहते हैं, लेकिन उनका किसी को पता नहीं होता। नई स्टडी के अनुसार, क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल 4 तरीकों से मौजूद हो सकते हैं . इसमें ऐसे एलियन हो सकते हैं. जो एडवांस ह्यूमन टेक्नोलॉजी के तौर पर बहुत पहले रहा करते थे. जो लगभग बहुत पहले खत्म हो चुके थे, लेकिन उनके कुछ अंश आज भी मौजूद हैं. वहीं, दूसरा रूप एडवांस्ड तौर पर विकसित जानवरों का हो सकता है. जो जमीन के नीचे या फिर बंदरों की तरह रह रहे हों. जो किसी बुद्धिमान डायनासोर के वंशज हो सकते हैं.तीसरे तरीके में बताया गया है कि यह ब्रह्मांड में भविष्य से कहीं आए होंगे और चंद्रमा या पृथ्वी में कहीं छुप कर रह रहे होंगे. चौथे फॉर्म में परियों की अप्सराओं की बात की गई है, जो इंसानों की तरह ही जादुई ताकतों के साथ इसी दुनिया में कहीं रहती होंगी.
UFO में दोस्तों से मिलने आते हैं!
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि यूएफओ विदेशी अंतरिक्ष यान हो सकते हैं, जो पृथ्वी पर रहने वाले अपने दोस्तों से मिलने आते हैं. स्टडी का उद्देश्य यूएफओ देखे जाने से जुड़ा एक वैकल्पिक स्पष्टीकरण प्रदान करना था. इसने ऐसी थ्योरी बताई, जो इनसे जुड़ी हो सकती है. वहीं, शोधकर्ताओं ने इस बात को लेकर यह भी स्पष्ट किया है कि बहुत से वैज्ञानिक उनकी इस स्टडी को लेकर सहमत नहीं होंगे. वहीं अभी शोधकर्ताओं की इस स्टडी को लेकर रिव्यू होना बाकी है यह स्टडी प्रकाशित नहीं की गई है.