Abortion Law in America: अमेरिका में अबॉर्शन (Abortion) यानी गर्भपात को लेकर बहस छिड़ गई है. अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) ने अबॉर्शन को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले करीब 50 साल पुराने ऐतिहासिक फैसले को पलट दिया है जिसके बाद से यहां विरोध स्वर उठ रहे हैं. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की ओर से रो बनाम वेड (Roe v Wade) फैसले को पलटने के बाद अमेरिका में महिलाओं के लिए गर्भपात के हक का कानूनी दर्जा समाप्त हो जाएगा. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में साफ कर दिया है कि देश का संविधान अबॉर्शन का अधिकार नहीं देता है.


अमेरिका में अब इसकी पूरी संभावना है कि देश के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने अलग नियम बना सकते हैं. अमेरिका के ज्यादातर दक्षिणी और मध्य-पश्चिमी राज्यों में अबॉर्शन को अवैध किया जा सकता है तो वही कुछ राज्यों में इसमें छूट दी जा सकती है.


अमेरिका में अबॉर्शन का कानून कैसे बदल जाएगा?


अमेरिका में गर्भपात का संवैधानिक हक छीने जाने के बाद मानवाधिकार के लिए सजग लोग, एक्टिविस्ट और नेता सड़क पर हैं. बताया जा रहा है कि कोर्ट के इस फैसले से अमेरिकियों के जीवन को बदल देगा, देश की सियासत को नयी दिशा देगा और अमेरिका के लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देगा. रो बनाम वेड (Roe v Wade) के फैसले को पलटने के साथ ही अमेरिकी राज्यों को फिर से गर्भपात पर पूरी तरह से बैन लगाने की इजाजत मिल जाएगी. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह अमेरिकी महिलाओं की आजादी, आत्मनिर्णय की क्षमता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की राष्ट्रीय समझ को हमेशा के लिए बदल देगा.


US सुप्रीम कोर्ट का क्या था 1973 का फैसला?


अमेरिका में अबॉर्शन को लेकर जिस फैसले को पलटा है वो अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने साल 1973 में दिया था. इसी केस का नाम रो बनाम वेड है. उस केस में नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की एक महिला के पहले से दो बच्चे थे लेकिन वो तीसरा बच्चा नहीं चाहती थी. फेडरल कोर्ट ने उन्हें गर्भपात करने की अनुमति नहीं दी जिसके कुछ समय बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अदालत ने पक्ष में फैसला सुनाते हुए अबॉर्शन की इजाजत दे दी थी. उस दौरान अदालत का कहना था कि गर्भ को लेकर फैसला महिला का होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का हक मिल गया था. 


क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?


अमेरिका में गर्भपात के संवैधानिक दर्जा छीने जाने से कई लोगों में नाराजगी है. महिलाएं गर्भपात के अधिकार की मांग कर रही हैं. अबॉर्शन के हक के लिए देश के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन भी हुए हैं. ज्यादातर अमेरिकियों की राय है कि 1973 के रो बनाम वेड के फैसले को बनाए रखा जाना चाहिए. 1973 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गर्भ रखने या न रखने का फैसला करना महिलाओं का अधिकार है. 


अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने क्या कहा?


अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने भी गर्भपात (Abortion in America) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) का फैसला देश को खतरनाक रास्ते पर ले जा रहा है हालांकि उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वो कानून को अपने हाथ में न ले तो अच्छा है. उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने की भी बात कही है. वही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने इसे हेल्थ केयर संकट से जोड़कर देखा है और महिलाओं के हक की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की है.


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