First Execution By Nitrogen Gas: अमेरिका के अलबामा में हत्या के दोषी को गुरुवार (25 जनवरी) शाम नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मौत की सजा दी गई. यह इस तरह का पहला मामला है. बताया गया है कि 58 साल के दोषी को एक फेस मास्क के जरिए नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई. जब नाइट्रोजन गैस की वजह से उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो गई और उसकी मौत हुई.
यूएस न्यूज पोर्टल के मुताबिक, अलबामा के गवर्नर के. इवे ने कहा कि, नाइट्रोजन गैस के जरिये मृत्युदंड की पहली सजा पूरी की गई है. राज्य अब घातक इंजेक्शन के एक सरल विकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है. राज्य ने अपने नए प्रोटोकॉल में मौत की सजा के लिए इसे सबसे दर्द रहित और मानवीय तरीका बताया है.
महिला की हत्या में था दोषी
केनेथ स्मिथ 1988 में भाड़े के बदले हत्या के मामले में दोषी था. वह दुर्लभ कैदी था जो पहले ही एक बार मौत से बच चुका था, इसमें नवंबर 2022 में ही उसे फांसी मिलनी थी, लेकिन थअलबामा के अधिकारियों को उसके शरीर में इंट्रावेनियस लाइन (अंतःशिरा लाइन) की सुई डालने के लिए घंटों संघर्ष करना पड़ा, जिसके बाद उसकी सजा को रद्द कर दिया गया था. इस बार स्मिथ को एक इंस्ट्रक्टर की पत्नी एलिजाबेथ सेनेट की हत्या का दोषी ठहराया गया था. उसने और उसके एक साथी ने उसे मारने के लिए उसके पति से 1,000 डॉलर की फीस स्वीकार की थी.
पांच पत्रकारों के सामने पहनाया गया मास्क
जेल अधिकारियों ने बताया कि फांसी गुरुवार शाम 7:53 बजे शुरू हुई और स्मिथ को 8:25 बजे मृत घोषित कर दिया गया. नाइट्रोजन सक्रिय होने के बाद स्मिथ कई मिनटों तक सचेत रहा. पांच पत्रकारों को मीडिया गवाहों के रूप में कांच के माध्यम से यह देखने की अनुमति दी गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पूरी प्रक्रिया देखने के बाद वे कांपने लगे और करीब दो मिनट तक दंग रहे गए. वहीं दोषी ने जाने से पहले लिखा, "मैं प्यार, शांति और रोशनी के साथ जा रहा हूं. आप सब को प्यार."
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों और स्मिथ के वकील ने मौत की सजा रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार शाम को यह याचिका खारिज कर दी और इसके तुरंत बाद उसे सजा देने पर काम शुरू हुआ.
अमेरिका में इंजेक्शन से दी जाती है मौत की सजा
अमेरिका में मौत की सजा देने के लिए इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है. हालांकि पिछले कुछ साल से इसमें समस्या आ रही है. इंजेक्शन में जो दवा डाली जाती है उसे हासिल करना मुश्किल हो रहा है. दवा कंपनियां यातना या फांसी में इस्तेमाल होने वाले सामान को जेलों में आपूर्ति करने से मना करती हैं.
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