Submarines Deal: अमेरिका-ब्रिटेन की ड्रैगन को रोकने की तैयारी, ऑस्ट्रेलिया को दे रहे हैं खतरनाक हथियार
US Britain Australia Submarines Deal: ऑस्ट्रेलिया को दी जाने वाली पनडुब्बियों में अमेरिकी टेक्नोलॉजी और ब्रिटिश डिजाइन है. चीन इन तीन देशों की इस डील का विरोध कर रहा है.
Nuclear-powered Submarines Deal: अमेरिका और ब्रिटेन मिलकर चीन (China) को रोकने की तैयारी कर रहे हैं. जिसके लिए दोनों देश ऑस्ट्रेलिया (Australia) को खतरनाक हथियार दे रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) सोमवार (13 मार्च) को इससे जुड़ी बड़ी घोषणा करने वाले हैं. बाइडेन सैन डिएगो में ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों से मुलाकात करेंगे और परमाणु-संचालित पनडुब्बियों के समझौते की घोषणा करेंगे.
तीनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने के प्रयासों के तहत 2021 में AUKUS योजना की घोषणा की थी. कैनबेरा डिफेंस प्रोजेक्ट के तहत ये पनडुब्बियां दी जा रही हैं. हालांकि, अमेरिका में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से जुड़े सख्त नियम और पनडुब्बियों को वितरित करने में लगने वाले समय के बारे में सवाल बने हुए हैं.
वर्जीनिया क्लास पनडुब्बियों की होगी खरीद
इस समझौते में जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एलबानीज शामिल होंगे. ऑस्ट्रेलिया को 2030 तक पांच अमेरिकी वर्जीनिया क्लास की परमाणु-संचालित पनडुब्बियों को खरीदने की उम्मीद है. एक पनडुब्बी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद 2027 तक अमेरिका अपनी दो पनडुब्बियों को ऑस्ट्रेलिया के तटों पर तैनात करेगा.
चीन कर रहा समझौते का विरोध
चीन इस समझौते का विरोध कर रहा है. क्योंकि चीन ताइवान पर दबाव बना रहा है और विवादित दक्षिण चीन सागर में अपना कब्जा बताता है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन मिलकर चीन पर दबाव बनाना चाहते हैं. ब्रिटेन का कहना है कि AUKUS ब्रिटेन में नई नौकरियां पैदा करेगा और इसकी अर्थव्यवस्था की कम विकास दर को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
1950 के बाद पहली बार अमेरिका कर रहा टेक्नोलॉजी शेयर
1950 के दशक में ब्रिटेन के साथ ऐसा करने के बाद से यह पहली बार होगा जब अमेरिका ने अपनी टेक्नोलॉजी साझा की है. फिलहाल न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी के तहत सिर्फ पांच ही देश (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस) हैं, जिनके पास परमाणु पनडुब्बियां हैं.
परमाणु पनडुब्बियां लंबे समय तक पानी के भीतर रह सकती हैं और बिना सरफेसिंग के पारंपरिक पनडुब्बियों की तुलना में अधिक दूर तक यात्रा कर सकती हैं. वर्जीनिया-क्लास की पनडुब्बी को 15 अधिकारियों सहित 132 के चालक दल की आवश्यकता होती है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एलबानीज ने हाल ही में अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि उनका देश उन पनडुब्बियों पर 100 प्रतिशत संप्रभुता बनाए रखेगा जो इसे संचालित करेंगे.
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