(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chabahar Port Deal : क्यों भारत से नाराज हुए जो बाइडेन, दे दी बड़ी धमकी, जानिए पूरा मामला
Chabahar Port Deal : ईरान के चाबहार पोर्ट को संचालित करने के लिए भारत को 10 साल तक का अधिकार मिल गया है. यह डील अमेरिका को नागवार गुजर रही है
Chabahar Port Deal : ईरान के चाबहार पोर्ट को संचालित करने के लिए भारत को 10 साल तक का अधिकार मिल गया है. इसके लिए दोनों देशों ने सोमवार को एक डील पर हस्ताक्षर कर दिए है, लेकिन यह डील अमेरिका को नागवार गुजर रही है. अमेरिका ने अनुबंध के कुछ घंटे बाद ही भारत को प्रतिबंध की धमकी दी है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ईरान के साथ डील करने वाले को प्रतिबंध से सावधान रहना चाहिए. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, कोई भी जो ईरान के साथ व्यापार सौदों को अंजाम दे रहा है, उन्हें उन संभावित प्रतिबंधों के खतरों के बारे में पता होना चाहिए, जिसके वे करीब जा रहे हैं.
बता दें कि सोमवार को भारत के शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और ईरानी समकक्ष की मौजूदगी में इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. सोनोवाल ने कहा कि चाबहार बंदरगाह का महत्व भारत और ईरान के बीच इसकी भूमिका से कहीं अधिक है. यह भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
इसे चीन के विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा
दरअसल, ओमान की खाड़ी के पास सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में चाबहार बंदरगाह को भारत विकसित कर रहा है. इसके रास्ते भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच हासिल होगी और पाकिस्तान को बाईपास करने में सक्षम होगा. इससे पहले भारत को अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान की जरूरत पड़ती थी. इस रणनीतिक बंदरगाह को पाकिस्तान में चीन की मदद से विकसित ग्वादर बंदरगाह के विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है. चाबहार और ग्वादर के बीच समुद्र के रास्ते में सिर्फ 100 किलोमीटर की दूरी है. इसे आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन कॉरिडोर से जोड़ने की योजना है. 7200 किलोमीटर लंबा ये कॉरिडोर भारत को ईरान, अजरबैजान के रास्ते होते हुए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग से जोड़ेगा.
भारत में चुनाव, फिर भी मंत्री को भेजा
भारत में इस समय लोकसभा चुनाव चल रहा है. इस व्यस्त समय के बीच मोदी सरकार ने अपने मंत्री को इस डील के लिए ईरान भेजा था. समझौते पर हस्ताक्षर के साथ दोनों देशों ने चाबहार में दीर्घकालिक साझेदारी की नींव रखी है। यह डील काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.