America China Standoff: अमेरिका और चीन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. फिर चाहे वो ताइवान का मुद्दा हो या फिर परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने का मसला, हर बार दोनों ही देश एक दूसरे पर हमलावर रहे हैं. अब दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन की सेनाओं के बीच तनातनी बढ़ने की खबर सामने आई है. चीन ने आरोप लगाया है कि अमेरिका के एक वॉरशिप ने समुद्री सीमा का उल्लंघन किया और बिना इजाजत उनके इलाके में घुसने की कोशिश की. वहीं अमेरिका की तरफ से बयान जारी कर इन तमाम खबरों को खारिज किया गया है.
America-China Standoff: ये तनाव तब सामने आया है जब कुछ दिन पहले ही जी-20 समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. इस मुलाकात को लेकर बताया गया कि दोनों ही देशों के बीच रिश्ते सुधर सकते हैं, जिसे लेकर बाइडेन और जिनपिंग की बातचीत हुई थी. हालांकि अब ये बात झूठी साबित होती दिख रही है. अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने की बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
चीनी सेना ने जारी किया बयान
चीनी सेना की तरफ से जारी एक बयान में दावा किया गया कि अमेरिका के गाइडेड मिसाइल क्रूजर ने अवैध तरीके से चीन की समुद्री सीमा में घुसपैठ की. नांशा आइलैंड के नजदीक ये घटना हुई, जिसके लिए चीनी सेना की इजाजत नहीं ली गई. सेना की तरफ से कहा गया कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिका की मौजूदगी सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है. इसके बाद यूएस नेवी की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि पीएलए के दावे झूठे हैं. ये पहला मौका नहीं है जब पीएलए की तरफ से अमेरिकी नौसेना पर ऐसे आरोप लगाए गए हों, पहले भी हमें बेवजह बदनाम करने की कोशिश की गई.
घुसपैठ के बाद दी गई चेतावनी
पीएलए के एक अधिकारी की तरफ से बताया गया कि अमेरिकी क्रूज की समुद्री घुसपैठ के बाद चीनी वायुसेना और नौसेना ने उसे चेतावनी दी और उसका पीछा किया. आखिरकार इस वॉर क्रूज को सीमा से खदेड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि अमेरिकी नौसेना की ये कार्रवाई चीन की संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर रूप से उल्लंघन करती है. चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण करने की कोशिश कर रहा है.
बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जी-20 समिट में मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि दोनों ही देश बातचीत से तमाम मतभेद दूर कर सकते हैं. उन्होंने तब कहा था कि वो जिनपिंग के साथ हर उस मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हैं, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधर सकें.