Attacks on Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले तेज हुए हैं, जिसके बाद अमेरिका ने भी चुप्पी तोड़ी है. अमेरिका ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों से हम चिंतित हैं. अमेरिका ने ढाका के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
दरअसल, सरकार विरोधी आंदोलन के दबाव में 5 अगस्त, सोमवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही वह देश छोड़कर भारत आ गई हैं. इस बीच वहां पर अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं, उनके धार्मिक स्थलों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले हुए हैं, जिसके बाद भारत समेत अमेरिका ने भी चिंता जाहिर की है.
बांग्लादेश की घटना को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक की, जिसमें विपक्ष की तरफ से पूछा गया कि क्या इस घटना में भारत विरोधी क्रियकलाप भी नजर आए हैं? इसका जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि कुछ जगहों पर भारत विरोधी एक्शन भी नजर आए हैं. वहीं उन्होंने बताया कि इसमें चीन और पाकिस्तान कितना भागीदार रहा है, इस मसले को लेकर भी जांच चल रही है.
भारतीय छात्रों को बांग्लादेश से बुलाया गया वापस
एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं. करीब 19 हजार भारतीय बांग्लादेश में मौजूद हैं. इनमें से 9 छात्र हैं. जुलाई में हाईकमीशन की सलाह के बाद बड़ी संख्या में छात्र वापस अपने वतन लौट आए हैं. उन्होंने कहा कि हिंदु समुदाय पर हो रहे हमले चिंता का विषय है, जिसपर सरकार की नजर है.
बांग्लादेश को लेकर अमेरिका ने क्या कहा?
दूसरी तरफ अमेरिका ने कहा कि अमेरिकी दूतावास ढाका के लोगों से बार-बार शांति और अमन की अपील कर रहा है. 'हम बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने पर चिंतित हैं. बांग्लादेशी लोगों के मित्र और पार्टनर होने के नाते अमेरिका बांग्लादेश की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं और मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए उनका समर्थन रखना जारी रखेगा.'
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