वाशिंगटन: दोहरे हत्याकांड के दोषी ब्रैंडन बर्नार्ड को गुरुवार को फांसी दे दी गई.  हालांकि बर्नार्ड को यह सजा वकालत करने वाले कुछ जूरी सदस्यों की आपत्तियों के बावजूद दी गई. अटॉर्नी जनरल विलियम बर द्वारा 17 साल के अंतराल के बाद इस साल की शुरुआत में संघीय मृत्युदंड का उपयोग फिर से शुरू करने के बाद बर्नार्ड को दी गई मौत की सजा नौंवी फांसी की सजा है. बर्नार्ड को क्रिस्टोफर वियालवा के साथ 2000 में दोषी ठहराया गया था. दोनों ने टॉड और स्टैची बागले नाम के एक कपल की हत्या की थी. इस जोड़े ने टेक्सास के फॉर्ट हूड आर्मी बेस में शादी की थी.


अपराध के समय बर्नार्ड 18 वर्ष का था. वियालवा ने कपल की किडनैप किया और गोली मार दी थी. यह कपल कार की डिक्की में बंद था. कार को बर्नार्ड ने आग लगा दी थी. इस अपराध के लिए वियालवा को जस्टिस डिपार्टमेंट ने 24 सितंबर को फांसी दे दी.


मीडिया रिपोर्ट में एक गवाह के हवाले से कहा गया कि फांसी से पहले बर्नार्ड के शब्द थे, “मुझे माफ कर दें- यही वे शब्द हैं जो कि इस वक्त मेरे मेरी भावनाओं को पूरी तरह से व्यक्त कर सकते हैं.”


पांच मेंबर की जूरी ने क्षमादान याचिका का समर्थन किया था. इन जूरी मेंबर्स का कहना था कि बर्नार्ड के वकीलों ने उसका सही से बचाव नहीं किया. हालांकि वे ये मानते थे कि बर्नार्ड और वियालवा दोनों दोषी हैं. लेकिन वे यह भी मानते थे कि बर्नार्ड का इरादा पति-पत्नी को मारने का नहीं था.


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