Coronavirus: जानिए- अगर दिसंबर से वैक्सीन मिलेगी तो अमेरिका में कितने महीने बाद जिंदगी होगी नॉर्मल
कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए हर कोई कोरोना वैक्सीन के आने का इंतजार कर रहा है. वैक्सीन के सहारे कोरोना वायरस पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है.
दुनिया में कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज कोरोना वायरस के संक्रमित मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. विश्व में अमेरिका कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस के 1.25 करोड़ से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं और 48 लाख से ज्यादा एक्टिव कोरोना मरीज हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद कब तक वहां के लोगों की जिंदगी वापस सामान्य होगी.
कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए हर कोई कोरोना वैक्सीन के आने का इंतजार कर रहा है. वैक्सीन के सहारे कोरोना वायरस पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है. वहीं संक्रमित मामलों की संख्या को देखते हुए मौजूदा वक्त में अमेरिका को कोरोना वैक्सीन की सबसे ज्यादा जरूरत देखने को मिल रही है. इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के आने के बाद मई 2021 तक अमेरिका में जिंदगी सामान्य हो सकती है.
अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन के वैक्सीन प्रोग्राम के सलाहकार ने भविष्यवाणी की कि अमेरिका में लोगों की जिंदगी मई 2021 के आसपास सामान्य हो सकता है क्योंकि कोरोना का टीकाकरण शुरू होने वाला है. वहीं यह बयान आशा की एक किरण के रूप में ऐसे वक्त में आया है, जब लाखों अमेरिकियों की इस हफ्ते थैंक्स गिविंग हॉलिडे के लिए यात्रा करने की संभावना थी. वहीं कई लोग संक्रामक रोग के प्रसार को बढ़ाने को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए भी दिखाई दिए.
सरकार के ऑपरेशन वार्प स्पीड वैक्सीन डेवलपमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार मोन्सेफ सलौई ने कहा कि पहली वैक्सीन के लिए लंबित विनियामक अनुमोदन का मतलब है कि अमेरिकियों को क्लिनिकल ट्रायल से इतर दिसंबर के मध्य से वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी.
वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन
मोन्सेफ सलौई ने कहा कि अगर टीकाकरण वितरण और टीकाकरण योजना अच्छी तरह से चलती है तो अमेरिकियों को मई या मई के महीने के आसपास तक वैक्सीन लगाई जा सकेगी. इससे लोगों की जिंदगी वापस नॉर्मल होने में मदद मिलेगी. बता दें कि वैक्सीन की मंजूरी के लिए अमेरिकी सरकार के लिए पहला आवेदन फाइजर और उसके साथी बायोएनटेक की दवा टीम की ओर से किया गया था.
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