Ukraine संकट के बीच अमेरिका ने 2000 सैनिकों को पोलैंड और जर्मनी भेजा, कहा- सैनिकों की तैनाती का मकसद लड़ाई नहीं
Russia-Ukraine Conflict: पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी (John Kirby) ने कहा कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन (Ukraine) में दाखिल नहीं होंगे और अमेरिकी कमान में वे आगामी दिनों में नये मोर्चे की ओर जाएंगे.
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Ukraine Conflict: यूक्रेन पर रूस के सैन्य आक्रमण की आशंका के बीच नाटो (NATO) के पूर्वी हिस्से पर अपने सहयोगियों के प्रति मदद को लेकर अमेरिका प्रतिबद्ध है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) इस हफ्ते करीब 2,000 सैनिक पोलैंड और जर्मनी भेज रहे हैं. जर्मनी से 1000 सैनिकों को रोमानिया पहुंचाया जा रहा है. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन (Pentagon) ने बुधवार को यह जानकारी दी.
इन कदमों की घोषणा करते हुए पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी (John Kirby) ने कहा कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन (Ukraine) में दाखिल नहीं होंगे और अमेरिकी कमान में वे आगामी दिनों में नये मोर्चे की ओर जायेंगे. उन्होंने कहा कि ये स्थायी कदम नहीं हैं. इसका मकसद यूक्रेन की सीमा के समीप के रूसी सैन्य जमावड़े को लेकर बढ़े हुए तनाव के बीच सहयोगियों को आश्वस्त करना है.
यूक्रेन की सीमा पर तनाव के बीच अमेरिका ने संभाला मोर्चा
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी (John Kirby) ने आगे कहा कि रूसी सैनिकों का जमावड़ा लगातार जारी है. प्रेस सचिव ने सैनिकों को अमेरिका से जर्मनी, पोलैंड और जर्मनी से रोमानिया भेजने का जिक्र करते हुए कहा कि ये सैनिक यूक्रेन में लड़ने नहीं जा रहे हैं. इस बीच, पोलैंड के रक्षा मंत्री मारिउज ब्लासजाक ने ट्वीट किया कि उनके देश के लिए अमेरिका की तैनाती यूक्रेन में स्थिति के संदर्भ में एकजुटता का मजबूत संकेत है.
पेंटागन ने एक अलग लिखित बयान में कहा कि सैनिकों की तैनाती का उद्देश्य आक्रमण रोकना और जोखिम जोखिम बढ़ जाने के दौरान अग्रिम सहयोगियों में अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाना है. किर्बी ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि नाटो (NATO) के प्रति अमेरिकी कटिबद्धता के लिए हम पुतिन और दुनिया को एक संकेत देते हैं.
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यूक्रेन सीमा के पास रूसी सैनिकों का जमावड़ा
इसके साथ ही पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी (John Kirby) ने कहा कि यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूसी सैनिकों के जमावड़े को लेकर रूस के साथ रूकी हुई वार्ता के बीच अमेरिका ने यह कदम उठाया है. अमेरिका ने पूरे यूरोप में बढ़ती इस आशंका को रेखांकित किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) यूक्रेन पर आक्रमण करने को आतुर हैं और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के पूर्वी यूरोप में छोटे सदस्य देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगली बारी उनकी हो सकती है.
गौरतलब है कि यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूस के एक लाख से अधिक सैनिक तैनात करने के बाद यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका बढ़ गई है. हालांकि रूसी अधिकारी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि यूक्रेन पर आक्रमण करने की रूस की कोई मंशा नहीं है.
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