ईरान और इजरायल में चल रहे तनाव के बीच अमेरिका ने अपने दोस्त की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है. उसने महासागर के सीक्रेट मिलिट्री बेस डिएगो गार्सिया आइलैंड में खतरनाक बॉम्बर B-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ तैनात किया है. जिस रफ्तार और खतरनाक तरीके से यह बॉम्बर दुश्मन पर हमला करता है, वह इसको बेहद खास बनाता है. इसे देखते हुए ही ईरान के हमलों से बचाने के लिए अमेरिका ने ये बॉम्बर तैनात किया है. साथ ही अपनी नेवी के 30 फीसदी वॉरशिप भी मिडिल ईस्ट में तैनात कर दिए हैं.
पिछले कुछ महीनों में ईरान और इजरायल के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. बीते रविवार (25 अगस्त, 2024) को ही आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए. हिजबुल्लाह के सरगना सैय्यद हसन नसरल्लाह ने हमले के बाद बयान दिया कि उसने अपने कमांडर फौद शोकोर की हत्या का बदला ले लिया है. साथ में उसने यह भी कहा कि ईरान और यमन के हूती विद्रोही भी इजरायल पर हमले को तैयार हैं. इस खतरे के बीच इजरायल का दोस्त अमेरिका उसकी सुरक्षा के लिए एक्टिव हो गया है.
4 घंटे में ईरान में हमला करके वापस आ सकता है
अमेरिकी बॉम्बर B-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ की रेंज 11 हजार किलोमीटर है और जिस जगह उसको तैनात किया गया है, वह एयरबेस ईरान से करीब पांच हजार किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. यह बॉम्बर चाहे तो ईरान में जाकर बम या मिसाइल गिराकर 4-5 घंटे में वापस अपने बेस में आ सकता है. डिएगो गार्सिया आइलैंड इजरायल से 5,842 किलोमीटर और ईरान से 4,842 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है.
क्या है इसकी खासियत?
B-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ बॉम्बर में 80 छोटे और 16 परमाणु बम रखने की क्षमता है. यह 1.70 लाख किलोग्राम का वजन लेकर उड़ सकता है और इसका खुद का वेट 71,700 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 69 फीट है और इसमें 172 फीट लंबाई वाले पंखे लगे हैं. B-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ 900 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है और 1010 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा की स्पीड से चलता है. आसमान में यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है..
कितने बम और मिसाइल ले जाने की क्षमता?
B-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ को दो लोग उड़ाते हैं- पायलट और मिशन कमांडर. इसके इंटरनेल बे में दो बम रखे जाते हैं और जब यह हमला करता है तो सबसे पहले इसका इंटरनल बे खुलता है. इसमें 230 किलो वजन के एमके-82 और जीबीयू-38 बमों को बॉम्ब रैक असेंबली में रखा जाता है. ऐसे 80 बम इसमें रखे जा सकते हैं. इसके अलावा इसमें बी61 और बी83 जैसे 16 न्यूक्लियर बम लगाए जा सकते हैं. भयानक तबाही के लिए इसमें एजीएम-154 ज्वॉइंट स्टैंड ऑफ वेपन और एजीएम-158 ज्वॉइंट एयर टू सरफेस स्टैंड ऑफ मिसाइल भी लगाई जा सकती है. साथ ही तबाही मचाने वाले दो जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम भी लगाए जा सकते हैं.
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