Ukraine Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने सोमवार को यूक्रेन विवाद पर टिप्पणी करते हुये कहा कि हम इस मामले को कुटनीति (Diplomatic) और शांतिपूर्वक निपटारा चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि फिर भी हम पूरी तरह से तैयार हैं, परिणाम चाहे कुछ भी हो. बाइडन ने ओवल ऑफिस में बात करते हुये कहा कि हम यूक्रेन की संप्रभुता और उसकी क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध खड़े हुये हैं.
यहीं नहीं हम इस मामले पर अपना पक्ष लेकर इसलिये भी मजबूती से खड़े हैं क्योंकि हम नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के मूल सिद्धांतों का भी पालन कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह इस मामले के समाधान के लिये कूटनीतिक तरीके से आगे बढ़ने चाहते हैं, लेकिन रूस ने यूक्रेन के आसपास अपनी सेना को खड़ा कर दिया है इसलिये हम उनका विरोध करने के लिये तैयार हैं चाहे इसका कुछ भी परिणाम हो.
यूएन सुरक्षा परिषद में भी दोनों देशों का हुआ आमना सामना
वहीं इस विवाद को लेकर यूएन में भी रूस और अमेरिका का आमना सामना हुआ है. अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वाशिंगटन संकट पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाकर कूटनीति का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है.
थॉमस ग्रीनफिल्ड ने कहा, ‘‘कल्पना कीजिए कि अगर आपकी सीमा पर 100,000 सैनिक होते तो आप कितने असहज होते.’’ एक खुली बैठक आयोजित करने पर हुई वोटिगं 10-2 से पारित हुई. रूस और चीन ने इसका विरोध किया वहीं तीन सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया. वोट को मंजूरी के लिए कुल नौ वोटों की जरूरत थी.
बाइडन ने कूटनीति पर दिया अधिक जोर
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान में कहा कि बल प्रयोग को खारिज करने, सैन्य तनाव कम करने, कूटनीति का समर्थन करने और प्रत्येक सदस्य से जवाबदेही की मांग करने के लिए यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम थी. उन्होंने कहा कि देशों को अपने पड़ोसियों के खिलाफ सैन्य आक्रमण से बचना चाहिए.
रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह हमला करने का इरादा रखता है, लेकिन उसने यह भी कहा, रूस को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल नहीं किया जाये. नाटो और अमेरिका ने इन मांगों को असंभव बताया है.
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