America Shot Down Chinese Spy Balloon: अमेरिका ने चीन के स्पाई बैलून को लेकर बहुत बड़ा एक्शन लिया है. जो बाइडेन प्रशासन ने कैरोलिना तट के पास चीन के जासूसी बैलून (Chinese Spy Balloon) को मार गिराया है. एफ-22 फाइटर जेट F-22 (F-22 Fighter Jet) से दागी गई मिसाइल से बैलून को मार गिराया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पेंटागन को बधाई दी है.


चाइनीज स्पाई बैलून यूएस में पहले न्यूक्लियर साइट के ऊपर दिखा था. इसके बाद ये लैटिन अमेरिका में भी दिखा था. अमेरिका चीन के इस बैलून पर कड़ी नजर रख रहा था. पेंटागन (Pentagon) ने दावा किया था कि चीन इस बैलून के जरिए जासूसी कर रहा है.


अमेरिका ने चाइनीज स्पाई बैलून को मार गिराया


न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक अमेरिका ने चीनी गुब्बारे को मार गिराए जाने की पुष्टि की है. अमेरिकी वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने इस स्पाई बैलून को मार गिराया. अमेरिकी रक्षा सचिव ने एक बयान के अनुसार फाइटर जेट ने दक्षिण कैरोलिना के तट पर पानी के ऊपर चीनी गुब्बारे को मार गिराया. मलबा निकालने के लिए अभियान जारी है.


बैलून में वेपन्स तो नहीं था?


अमेरिका में विपक्षी नेता जेम्स कॉमर ने आशंका जताई है कि इस बैलून में बायो वेपन तो नहीं था? उन्होंने बाइडेन प्रशासन को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि उनकी नाक के नीचे ये बैलून अमेरिका में अंदर तक कैसे चला आया? अमेरिका और कनाडा में काम करने वाला नार्थ अटलांटिक एयरोस्पेस डिफेंस कमांड और यूएस का उत्तरी कमांड इसे मॉनिटर कर रहा था. NORAD ने पहले इसे सिविल और मिलिट्री विमानों के लिए किसी तरह का खतरा नहीं माना था. 


ब्लिंकन ने रद्द कर दी थी बीजिंग की यात्रा


अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने देश के हवाई क्षेत्र में स्पाई बैलून देखे जाने के बाद चीन की यात्रा रद्द कर दी थी. ब्लिंकन ने चाइनीज स्पाई बैलून को लेकर कहा था कि ये हमारी संप्रभुता का साफ तौर से उल्लंघन है. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने बताया था कि राष्ट्रपति जो बाइडेन को मंगलवार (31 जनवरी) को पहली बार स्पाई बैलून के बारे में जानकारी दी गई थी और वो राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से लगातार संपर्क में रहते हुए अपडेट ले रहे थे.


चीन ने स्पाई बैलून को लेकर दी थी सफाई


चीन (China) ने गुब्बारे को लेकर अमेरिका के दावे पर सफाई भी दी थी. शी जिनपिंग की सरकार ने कहा था कि ये सिविल बैलून है और मौसम संबंधित रिसर्च कार्य के इस्तेमाल किया जा रहा है. ये अमेरिका के हवाई क्षेत्र में भटक गया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हमने कभी भी किसी संप्रभु देश के इलाके या हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया है. अमेरिका (America) ने चीन को बदनाम करने के लिए इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, जिसका हम विरोध करते हैं''.


ये भी पढ़ें:


NATO में शामिल होना चाहते हैं स्वीडन और फिनलैंड, तुर्की ने लगाया अड़ंगा, जानें क्यों खफा अर्दोआन?