Bangladesh Violence: पाकिस्तान के बाद अमेरिका भी सवालों को घेरे में.. शेख हसीना को एक साल पहले दी थी सत्ता छोड़ने की धमकी
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हुई हिंसा और तख्तापलट में पाकिस्तान के बाद अब अमेरिका का भी नाम सामने आ रहा है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने एक साल पहले ही शेख हसीना को धमकी दी थी.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में भारी हिंसा के बाद शेख हसीना ने पद से इस्तीफा देकर भारत में शरण ली हैं. दूसरी तरफ ब्रिटेन और अमेरिका ने उनको राजनीतिक शरण देने से इनकार कर दिया है. हसीना अब सऊदी अब और यूएई पर विचार कर रही हैं. बांग्लादेश के इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब अमेरिका सवालों के घेरे में आ गया है. कई एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने इस तख्तपलट में अहम भूमिका निभाई है और वही नोबेल विजेता मोहम्मद युनुस को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनाना चाह रही है.
दरअसल, बांग्लादेश के तख्तापलट में अमेरिका की भूमिका को लेकर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि अमेरिकी उप विदेश मंत्री आफरीन अख्तर ने साल 2023 में ही शेख हसीना को खुली धमकी दी थी. इसके बाद शेख हसीना ने 'व्हाइट मैन' के ऑफर और साजिश का जिक्र किया था. नॉर्थ ईस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी मंत्री ने यह धमकी सीधे शेख हसीना को दी थी. आफरीन ने कहा था कि 3 नवंबर को होने वाले चुनाव के बाद शेख हसीना संवैधानिक तरीके से पद से हट जाएं नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.
अमेरिकी मंत्री ने बांग्लादेश का किया था दौरा
अमेरिका से मिली धमकी को उस समय शेख हसीना ने दरकिनार कर दिया था और चुनाव में उन्हें बड़ी जीत मिल गई थी. वहीं इस चुनाव का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था. नॉर्थ ईस्ट की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से इस बात का खुलासा किया गया है कि अमेरिकी मंत्री आफरीन ने बांग्लादेश के तत्कालीन विदेश मंत्री मसूद बिन मोमेन से 16 अक्टूबर 2023 को मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान अमेरिकी मंत्री ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और सभी दलों को शामिल करके चुनाव कराने पर जोर दिया था. साथ ही रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर भी बात हुई थी.
अमेरिका ने शेख हसीना को दिए थे दो विकल्प
रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका की तरफ से मिली धमकियों का बांग्लादेश के विदेश सचिव ने करारा जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश अपने आंतरिक मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि उस समय अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने शेख हसीना को दो विकल्प दिए थे. पहला विकल्प ये था कि शेख हसीना पद से इस्तीफा दे दें और सत्ता राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को सौंप दें.
अमेरिकी एजेंसी सवालों के घेरे में
अमेरिका ने शेख हसीना को दूसरे विकल्प में कहा था कि हसीना संसद के स्पीकर शिरिन शर्मिन चौधरी को चुनाव से पहले सत्ता सौंप दें, जिससे बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव का रास्ता साफ हो सके. अमेरिका चाहता था कि शेख हसीना दूसरा विकल्प चुनें. इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने बांग्लादेश का दौरा भी किया था. इस मुलाकात के बाद हसीना ने कहा था कि एक 'व्हाइट मैन' ने उनसे मुलाकात की थी और कई तरह के दबाव बना रहा था. इस रिपोर्ट के बाद अब पाकिस्तान की एजेंसी के अलावा अमेरिका की सीआईए भी सवालों के घेरे में है.