उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के बाद अमेरिका ने और प्रतिबंध लगा दिए हैं. उत्तर कोरिया की ओर से अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के तहत किए गए दो परीक्षणों के बाद अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को और प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. वित्त मंत्रालय ने चार मार्च को किए गए बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण का जिक्र करते हुए तीन रूसी संस्थानों को इसमें मदद करने के आरोप में प्रतिबंधित करने की घोषणा की. ये कंपनियां हैं- एपोलॉन, जील-एम और आरके ब्रिज. इन कंपनियों से जुड़े दो लोगों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इन प्रतिबंधों के चलते ये कंपनिया अमेरिका में अपनी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी.
अमेरिका ने लगाए रूसी कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध
वहीं, एपोलॉन के निदेशक एलेक्सजेंडर एंड्रीविच गेयेनोव और जील-एम के निदेशक एलेक्सजेंडर एलेक्संद्रोविच चासोवनिकोव को भी इन पाबंदियों के दायरे में लाया गया है. वहीं, एक अलग बयान में दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसे संकेत मिले हैं कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण स्थल की पुरानी सुरंगों की मरम्मत कर रहा है. इन सुरंगों को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच 2018 में पहली बार बातचीत होने के कई माह पहले ध्वस्त कर दिया गया था. हालांकि, मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उत्तर कोरिया इन सुरंगों की मरम्मत परमाणु परीक्षण के लिए कर रहा है या नहीं.
किम जोंग उन लगातार कर रहा है मिसाइल टेस्ट
पहले से ही कई प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया के तानाशाह लगातार मिसाइल टेस्ट और अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर जोर दे रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया जल्द ही जासूसी सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज सकता है. हाल के दिनों में कई मिसाइल टेस्ट किए जाने की खबरें आई हैं. जासूसी उग्रह को प्रक्षित करने को उत्तर कोरिया की ओर से सबसे उकसावे वाली कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है.
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