नई दिल्ली: अमेरिका में एक महिला के दोनों फेफड़ों का सफल ट्रांसप्लांट किया गया है. महिला के दोनों फेफड़े कोरोना वायरस की वजह से बेकार हो गए थे. महामारी के बाद अमेरिका में ये अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है. महिला को कोरोना वायरस का संक्रमण होने से पहले कोई बीमारी नहीं थी.


कोरोना के कारण अमेरिका में फैली तबाही के बीच एक भारतीय सर्जन ने उम्मीद की किरण दिखाई है. खबर के मुताबिक, महामारी के बाद अमेरिका में किसी 20 वर्षीय मरीज का पहली बार कोरोना वायरस के कारण बेकार हो चुके दोनों फेफड़ों का ट्रांसप्लांट किया गया. शिकागो के नॉर्थ वेस्टर्न मेमोरियल अस्पताल में महिला का ऑपरेशन दस घंटे तक चला.


भारतीय मूल के डॉक्टर ने जगाई उम्मीद


ऑपरेशन करनेवाले डॉक्टर अंकित भारत ने एक इंटरव्यू में बताया, “ऑपरेशन सामान्य ट्रांसप्लांट से ज्यादा मुश्किल और कई घंटे लंबा था क्योंकि कोविड-19 ने महिला मरीज के फेफड़े को बेकार कर दिया था और दूसरे अंग के टिश्यू से चिपक गए थे.” उन्होंने बताया कि ऑपरेशन कामयाब रहा जिसके बाद महिला ने अपने परिवार के साथ वीडियो कॉल पर बात भी की.


महिला के फेफड़ों का किया सफल ट्रांसप्लांट


डॉक्टर भारत ने कहा कि ऑपरेशन की कामयाबी और ट्रांसप्लांट किए गए फेफड़े स्वस्थ होने के बावजूद महिला को पूरी तरह ठीक होने में काफी समय लगेगा. उन्हें कुछ दिनों तक वेंटिलेटर पर भी रखा जाएगा क्योंकि कोविड-19 ने उनके सीने के पुट्ठों को इतना कमजोर कर दिया है कि मरीज खुद से सांस नहीं ले सकती. उन्हें दोबारा ताकत हासिल करने के लिए कुछ समय चाहिए.


कोरोना वायरस ने खराब कर दिए थे फेफड़े


उन्होंने कहा कि मरीज की जान बचाने का सिर्फ एक ही तरीका ट्रांसप्लांट था. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि हर मरीज का ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता. सिर्फ ऐसे मरीजों की बात की जा रही है जो युवा और सक्रिय हों और उन्हें दूसरी गंभीर बीमारी ना हो. साथ ही जिनके फेफड़े इस कदर खराब हो चुके हों कि उन्हें वेंटिलेटर से हटाना संभव ना हो.


ये भी पढ़ें:


पाकिस्तानः एक दिन में कोरोना संक्रमण के आए रिकॉर्ड 6397 मामले, अब तक 2463 लोगों की मौत


कश्मीर को भारत का हिस्सा दिखाने पर पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल के दो पत्रकारों को किया गया बर्खास्त