अमेरिका में डेढ़ महीने बाद कोरोना ने ली 1200 से ज्यादा जान, 24 घंटे में 62 हजार लोग हुए संक्रमित
दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका, भारत और ब्राजील हैं. इन तीनों देशों में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज और सबसे ज्यादा मौत हुई है.
वॉशिंगटन: अमेरिका में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या सवा दो लाख के पार पहुंच गई है. अगर इसे पूरी दुनिया के हिसाब से देखें तो वायरस से मरने वाला हर पांचवा शख्स अमेरिकी है. दुनिया में 20 फीसदी कोरोना से मौत यहीं हुई है और 20 फीसदी संक्रमित मरीज भी यहीं है. अमेरिका में 24 घंटे में 62,756 नए मामले आए और 1215 संक्रमितों की जान चली गई. इससे पहले यहां एक दिन में इतने संक्रमितों की जान 9 सितंबर (1210) को गई थी.
कोरोना से दूसरे सबसे ज्यादा प्रभावित देश भारत में पिछले 24 घंटे में 56 हजार केस आए और 703 लोगों की मौत हुई है. वहीं कोरोना से तीसरे सबसे ज्यादा प्रभावित देश ब्राजील में 25 हजार नए कोरोना संक्रमित मिले हैं और 571 लोगों ने दम तोड़ा है. दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या चार करोड़ 14 लाख के पार पहुंच गई है और 11 लाख 35 हजार से ज्यादा मरीजों की जान जा चुकी है.
कुल संक्रमण और मृत्युदर वर्ल्डोमीटर के अनुसार, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 22 अक्टूबर सुबह तक बढ़कर 85 लाख 83 हजार हो गई, इसमें से 2 लाख 27 हजार 399 लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में संक्रमितों की संख्या 77 लाख के पार पहुंच गई है और इनमें से एक लाख 16 हजार 703 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं ब्राजील में कुल संक्रमितों की संख्या 53 लाख है, यहां एक लाख 55 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.
एक्टिव केस और रिकवरी रेट अमेरिका में अबतक 56 लाख मरीज ठीक भी हुए हैं. भारत में रिकवरी रेट 89 फीसदी हैं, यानी कि कुल 77 लाख संक्रमितों में से 68 लाख 71 हजार लोग ठीक हो चुके हैं. भारत में 7.25 लाख से कम एक्टिव केस हैं, इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं दुनिया के तीसरे सबसे प्रभावित देश ब्राजील में एक्टिव केस की संख्या घटकर 3 लाख 88 हजार हो गई और रिकवर हुए लोगों की संख्या 47 लाख 56 हजार है.
कोरोना का संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा है, लेकिन अब यह उतना घातक नहीं है. दुनियाभर में दहशत फैलाने वाला कोरोना वायरस जल्द ही खत्म हो जाएगा. कई देशों के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह वायरस तेजी से कमजोर हो रहा है. महामारी की शुरुआत में इसका संक्रमण जितना घातक था, अब वह वैसा नहीं है.
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