अमेरिका-भारत और ब्राजील में हैं दुनिया के 55% कोरोना मरीज, तीनों देशों में अबतक 45 फीसदी की मौत
दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका, भारत और ब्राजील हैं. इन तीनों देशों में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज और सबसे ज्यादा मौत हुई है.
वॉशिंगटन/ब्रासीलिया: दुनिया के तीन देश अमेरिका, भारत और ब्राजील में कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा खौफ है. यहां संक्रमण का फैलाव थमता नजर नहीं आ रहा है. भारत में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं. दुनिया के 55 फीसदी (1.76 करोड़) मामले अमेरिका, भारत और ब्राजील में आए हैं. कोरोना से दुनिया के 45 फीसदी (4.40 लाख) लोगों की मौत इन्हीं तीन देशों में हुई है. वहीं 55 फीसदी (1.32 करोड़) मरीज ठीक भी हुए हैं.
पिछले 24 घंटे में अमेरिका, भारत और ब्राजील में क्रमश: 45328, 85919 और 32129 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि क्रमश: 942, 1144 और 818 मौत हुई हैं. हर दिन कोरोना के सबसे ज्यादा मामले भारत में सामने आ रहे हैं और मौत का आंकड़ा भी भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहा है. ये आंकड़ा कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर से लिया गया है.
कुल संक्रमण और मृत्युदर वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 25 सितंबर सुबह तक बढ़कर 71 लाख 85 हजार पहुंच गई, इसमें से 2 लाख 7 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में 58 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 92 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं ब्राजील में कुल संक्रमितों की संख्या 46 लाख 59 हजार से ज्यादा है, यहां एक लाख 39 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मृत्युदर सबसे ज्यादा ब्राजील में है.
एक्टिव केस और रिकवरी रेट अमेरिका में अबतक 44 लाख लोग ठीक भी हुए हैं. 25 लाख 43 हजार एक्टिव केस हैं यानी कि ये लोग अभी भी वायरस से संक्रमित हैं. भारत में रिकवरी रेट 80 फीसदी हैं, यानी कि कुल संक्रमितों में से 47 लाख लोग ठीक हो चुके हैं. 9 लाख 70 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं, इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं दुनिया के तीसरे सबसे प्रभावित देश ब्राजील में एक्टिव केस 4 लाख 96 हजार हो गए और रिकवर हुए लोगों की संख्या 40 लाख 23 हजार से अधिक है.
कोरोना का संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह उतना घातक नहीं है. दुनियाभर में दहशत फैलाने वाला कोरोना वायरस जल्द ही खत्म हो जाएगा. कई देशों के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह वायरस तेजी से कमजोर हो रहा है. महामारी की शुरूआत में इसका संक्रमण जितना घातक था, अब वह वैसा नहीं है.
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