अमेरिका में 2.09 लाख कोरोना मरीजों की मौत, ब्राजील में 1.41 लाख की गई जान, दोनों देशों में कुल 1.20 करोड़ संक्रमित
दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका, भारत और ब्राजील हैं. इन तीनों देशों में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज और सबसे ज्यादा मौत हुई है.
वॉशिंगटन/ब्रासीलिया: पूरी दुनिया कोरोना संकट से घिरी है. लेकिन दुनिया के तीन देश अमेरिका, भारत और ब्राजील सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. दुनिया के 54 फीसदी कोरोना मामले अमेरिका, भारत और ब्राजील में हैं. यही नहीं, कोरोना से 45 फीसदी मौत भी इन्हीं तीनों देशों में हुई है. वहीं 55 फीसदी मरीज ठीक भी हुए हैं. पिछले 24 घंटे में अमेरिका, भारत और ब्राजील में क्रमश: 33782, 82767 और 14194 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि क्रमश: 276, 1040 और 335 मौत हुई हैं.
अमेरिका और ब्राजील में दुनिया के 36% कोरोना मामले हैं, लेकिन अमेरिका-ब्राजील में नए मामलों की रफ्तार भारत के मुकाबले आधी से भी कम है. हर दिन कोरोना के सबसे ज्यादा मामले भारत में सामने आ रहे हैं और मौत का आंकड़ा भी भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहा है.
कुल संक्रमण और मृत्युदर वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 28 सितंबर सुबह तक बढ़कर 73 लाख 21 हजार पहुंच गई, इसमें से 2 लाख 9 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में 60 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 95 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं ब्राजील में कुल संक्रमितों की संख्या 47 लाख 32 हजार से ज्यादा है, यहां एक लाख 41 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मृत्युदर सबसे ज्यादा ब्राजील में है.
एक्टिव केस और रिकवरी रेट अमेरिका में अबतक 45 लाख लोग ठीक भी हुए हैं. 25 लाख 51 हजार एक्टिव केस हैं यानी कि ये लोग अभी भी वायरस से संक्रमित हैं. भारत में रिकवरी रेट 82 फीसदी हैं, यानी कि कुल संक्रमितों में से 50 लाख लोग ठीक हो चुके हैं. 9 लाख 64 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं, इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं दुनिया के तीसरे सबसे प्रभावित देश ब्राजील में एक्टिव केस 5 लाख 30 हजार हो गए और रिकवर हुए लोगों की संख्या 40 लाख 60 हजार से अधिक है.
कोरोना का संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा है, लेकिन अब यह उतना घातक नहीं है. दुनियाभर में दहशत फैलाने वाला कोरोना वायरस जल्द ही खत्म हो जाएगा. कई देशों के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह वायरस तेजी से कमजोर हो रहा है. महामारी की शुरुआत में इसका संक्रमण जितना घातक था, अब वह वैसा नहीं है.
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