Terrorist Threat For US: अंतरराष्ट्रीय आतंकी खतरे के तौर पर अमेरिका अपनी धरती के लिए अब अफगानिस्तान को अपना बड़ा खतरा नहीं मानता है. वहां की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने सोमवार को इंटेलिजेंस एंड नेशनल सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम के दौरान ये बात कही. खुफिया एजेंसी की तरफ से यह बयान ऐसे वक्त पर दिया गया है जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां पर आईएसआईएस और अलकायदा के फिर से एकजुट होने और आतंकियों का अड्डा बनने का खतरा बना हुआ है.
सीएनएन के मुताबिक, एनुअल इंटेलिजेंस एंड नेशनल सिक्योरिटी समिट (Annual Intelligence and National Security Summit) के दौरान नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर एविरल हैन्स ने कहा कि सोमालिया, यमन, सीरिया और इराक से खासकर आईएसआईएस अफगानिस्तान की तुलना में कहीं बड़ा खतरा है.
उन्होंने कहा- जहां तक अमेरिकी धरती पर आतंकी खतरे का सवाल है तो हम इस सूची में अफगानिस्तान को प्राथमिकता नहीं देते हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बोलते हुए हैन्स ने कहा, “हम जहां पर देखते हैं वो है- यमन, सोमालिया, सीरिया और इराक जहां पर आईएसआईएस है. इसलिए यहां पर सबसे बड़ा खतरा है.”
हैन्स ने स्वीकार किया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के बिना और काबुल में सत्ता में अमेरिका समर्थित सरकार के बिना अफगानिस्तान में खुफिया जानकारी "कम" हो गई है. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि खुफिया समुदाय ने "काफी समय के लिए" इस वास्तविकता के लिए तैयार किया है.
अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से कहा कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट की शाखा, ISIS-K, अमेरिका के लिए संभावित खतरा पैदा कर सकती है. आतंकी समूह की तरफ से 26 अगस्त को काबुल से अमेरिकी इवैक्यूएशन के बीच आत्मघाती विस्फोट को अंजाम दिया गया था, जिसमें 13 अमेरिकी सेवा सदस्य और दर्जनों अफगान मारे गए थे. हालांकि, हैन्स ने कहा कि खुफिया समुदाय के लिए प्राथमिक ध्यान अब अफगानिस्तान में "आतंकवादी संगठनों के किसी भी संभावित पुनर्गठन" की निगरानी कर रहा है.
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