Russia-NATO Relation: अमेरिका के खुफिया एजेंसी थ्रेट असेसमेंट ने बुधवार (8 मार्च) को एक रिपोर्ट पेश जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार यूएस खुफिया एजेंसी का मानना है कि रूस शायद यूएस और नाटो आर्मी से सीधे तौर पर कोई संघर्ष नहीं चाहता है, लेकिन भविष्य में ऐसा होने की संभावना जाहिर की है.


रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, जिसके बाद पश्चिमी देशों और चीन के साथ रूस के रिलेशन को फिर से एक अलग तरह से देखा और समझा जा रहा है. इसकी वजह से बहुत सी अनिश्चित चीजें भी खुल कर सामने आ रही है. वहीं रूस और पश्चिमी देशों के बीच सैन्य टकराव बढ़ना बहुत जोखिम भरा हो सकता है. 
 
रूस को नाकामी हासिल हुई 
खुफिया एजेंसी थ्रेट असेसमेंट के रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी नेताओं ने अब तक ऐसी कार्रवाई करने से परहेज किया है, जो यूक्रेन युद्ध को देश की सीमाओं से परे व्यापक बना दे. इसके बावजूद खतरा बढ़ने की संभावनाओं में बढ़ोत्तरी के आसार दिख रहे है. यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को नाकामी हासिल हुई है. इससे देश की घरेलू स्थिति को चोट पहुंची है.


इसके बाद रूसी सरकार देश की जनता का समर्थन वापस पाने की कोशिश में और ज्यादा आक्रामक रुख अपना रहा है. ये भी दावा है कि अमेरिका यूक्रेन को रूस को कमजोर करने के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. अभी तक जो भी सफलता यूक्रेन को युद्ध में मिली है, वो सब अमेरिका के तरफ से पहुंचाए गए मदद का परिणाम है. इसके बाद नाटो का हस्तक्षेप आगे रूस को और ज्यादा नुकसान भी पहुंचा सकता है.


रूस अपने हितों को ध्यान में रखता है
रूस अपने हितों को ध्यान में रखता है. इसके लिए रूस यूएस और सहयोगियों के हितों को कमजोर करने की कोशिश करेगा. रूस बहुत सी तैयारी भी करेगा. इसके लिए रूस एक लिस्ट तैयार कर सकता है, जिसमें आर्मी, सिक्योरिटी, साइबर और खुफिया तकनीकों का इस्तेमाल कर सकता है. यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा है.


रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि रूस यूक्रेन पर सहयोग को बल देने और पश्चिमी एकता को कमजोर करने की कोशिश करने के लिए एक विदेश नीति उपकरण के रूप में ऊर्जा का उपयोग करना जारी रखेगा. यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस ने यूक्रेनी बंदरगाहों को जब्त कर लिया है. अनाज के बुनियादी ढांचे को खत्म कर दिया है. इस दौरान रूस ने खाने के अनाज को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि रूस ने 2022 के अमेरिकी मध्यावधि चुनावों में दुर्भावनापूर्ण प्रभाव अभियान चलाया.


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