Pakistan Prime Minister: पिछले दिनों अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के कई गोपनीय दस्तावेज (Classified Documents) इंटरनेट पर वायरल हो गए थे. इन गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी सुरक्षा एजेंसियों के जांच के दायरे में आ गए थे. अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के अंदर सेंध लगने के चलते पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था. 


अमेरिकी गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने के बाद पाकिस्तान से जुड़ी एक खबर भी लीक हुई है. इन दस्तावेजों में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार से जुड़ा एक मामला शामिल है. इन दस्तावेजों के अनुसार हिना रब्बानी खार ने कहा था कि उनका देश पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के बीच बिचैलिया नहीं बना रह सकता. अगर पाकिस्तान अमेरिका की तरफ झुकता है तो उसे चीन से मिलने वाले बड़े फायदे बंद हो जाएंगे. 


हिना रब्बानी खार की बातें लीक


बता दें कि गोपनीय दस्तावेज अमेरिकी सैन्य दस्तावेजों के सबसे बड़े लीक मामलों में से एक है. रक्षा विभाग ने एक आधिकारिक जांच भी शुरू कर दी है. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार हिना रब्बानी खार ने यह बातें एक इंटरनल मेमो में कही हैं. इस मेमो का शीर्षक, 'पाकिस्तान के मुश्किल विकल्प' है. मेमो में हिना रब्बानी खार ने लिखा कि पाकिस्तान को पश्चिम को खुश करने का आभास देने से बचना चाहिए.


पाकिस्तान, अमेरिका और चीन की जिक्र


इसके अलावा हिना रब्बानी खार ने मेमो में लिखा है कि अमेरिका के साथ अगर पाकिस्तान दोस्ती बनाए रखता है तो उसे चीन के साथ उसके वास्तविक रणनीतिक साझेदारी को गंवाना पड़ेगा. पाकिस्तान अब और बिचौलिया नहीं बन सकता. हिना रब्बानी खार का यह मेमो अमेरिका के हाथ में कैसे लगा इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है. अपने मंत्री की बातें लीक होने के बाद खुद पाकिस्तान भी सकते में है. 


दरअसल, 9/11 आतंकी हमल के बाद पाकिस्तान ही वह देश है, जिसे अमेरिका से अरबों डॉलर की मदद मिलती रही है. इसके अलावा अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से जुड़े कुछ अति संवेदनशील बातों को भी लीक किया है.


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