सूर्य के सबसे करीब पहुंचे नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने रचा इतिहास, ब्रह्मांड के सबसे तेज मानवनिर्मित ऑब्जेक्ट का मिला खिताब
Speed of Parker Solar Probe Mission : सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचकर पार्कर सोलर प्रोब ने अपने पिछले रिकॉर्ड को ही तोड़ दिया है और किसी मिशन की तुलना में सूर्य के 7 गुना करीब पहुंचा है.
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Nasa Parker Solar Probe Spacecraft : नासा के पार्कर सोलर प्रोब स्पेसक्राफ्ट ने अब तक सूर्य के सबसे करीब पहुंचकर एक नया इतिहास रच दिया है. आज तक के इतिहास में किसी भी अन्य अंतरिक्ष यान ने यह कारनामा नहीं किया था. नासा के सूर्य यान पार्कर सोलर प्रोब ने क्रिसमस की पूर्व संध्या (24 दिसंबर) पर सूर्य के कोरोना की भीषण गर्मी का सामना करते हुए सूर्य से मात्र 61 लाख किलोमीटर की दूरी पर उड़ान भरी है. स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, 24 दिसंबर को अमेरिका के पूर्वी समयानुसार सुबह 6 बजकर 53 मिनट (भारतीय समयानुसार शाम 5:23 बजे) पर नासा का अंतरिक्ष यान सूर्य की सतह के सबसे नजदीक से होकर गुजरा.
ब्रह्मांड का सबसे तेज मैनमेड ऑब्जेक्ट बना
सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचकर पार्कर सोलर प्रोब ने अपने पिछले रिकॉर्ड को ही तोड़ दिया है और किसी मिशन की तुलना में सूर्य के 7 गुना करीब पहुंचा है. हालांकि सोलर प्रोब से अभी सूर्य के 2 फ्लाईबाई करने की उम्मीद है. नासा का अंतरिक्ष यान 6,92,017 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करके अब तक का सबसे तेज मानवनिर्मित ऑब्जेक्ट बन गया है.
पहले भी रिकॉर्ड तोड़ चुका है पार्कर प्रोब
नासा के पार्कर सोलर प्रोब के लिए रिकॉर्ड तोड़ना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले 21 सितंबर, 2023 को 6,35,266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में यात्रा करके पार्कर ने सबसे तेज ऑब्जेक्ट का रिकॉर्ड बनाया था. हालांकि सूर्य के इतने करीब आने की वजह से नासा को अपना अंतरिक्ष यान खोना पड़ा था. वहीं, एजेंसी के अनुसार, अब पार्कर के जीवित रहने का पहला सबूत 27 दिसंबर (शुक्रवार) को मिलेगा, जब दोबारा यान के साथ संपर्क स्थापित हो जाएगा.
HAPPENING RIGHT NOW: NASA’s Parker Solar Probe is making its closest-ever approach to the Sun! 🛰️ ☀️
— NASA Sun & Space (@NASASun) December 24, 2024
More on this historic moment from @NASAScienceAA Nicola Fox 👇
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सूर्य की गर्मी से बचाव के लिए लगी है शील्ड
नासा की वैज्ञानिक डॉ. निकोला फॉक्स ने सूर्य मिशन के महत्व के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि सदियों ने लोग सूर्य का अध्ययन करते आ रहे हैं. लेकिन किसी स्थान के वातावरण का अनुभव आप तब तक नहीं कर सकते हैं, जब तक आप वास्तव में वहां तक नहीं पहुंच जाते. बता दें कि नासा के अंतरिक्ष यान को उपकरणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्बन-कंपोजिट शील्ड से लैस किया गया है.
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