(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमेरिका देगा यूक्रेन को और सैन्य सहायता पैकेज! नए हथियार देने पर विचार
स्पुतनिक न्यूज एजेंसी ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से बताया कि अमेरिका घोषणा कर सकता है कि वह मॉस्को और कीव के बीच चल रहे युद्ध के लिए इस सप्ताह यूक्रेन को एक नया सैन्य सहायता पैकेज प्रदान करेगा.
स्पुतनिक न्यूज एजेंसी ने मंगलवार (स्थानीय समय) को अमेरिकी मीडिया के हवाले से बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा यह घोषणा किए जाने की उम्मीद है कि वह मॉस्को और कीव के बीच चल रहे युद्ध के लिए इस सप्ताह यूक्रेन को एक नया सैन्य सहायता पैकेज प्रदान करेगा. बिडेन प्रशासन के अधिकारियों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि नया पैकेज आकार में हाल ही में घोषित किए गए 800 मिलियन अमरीकी डालर के समान होगा. इसमें अधिक ज्यादा हथियार और हजारों राउंड गोला-बारूद शामिल होगा.
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि उनका प्रशासन यूक्रेन को भारी हथियारों सहित अतिरिक्त 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान करेगा क्योंकि वाशिंगटन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस द्वारा "व्यापक हमले" की आशंका जताई थी. अभी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक फोन कॉल के बाद जो बाइडेन ने बयान में कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन को अपनी रक्षा करने की क्षमता प्रदान करना जारी रखेगा."
बाइडेन ने कहा, "इसमें कई अत्यधिक प्रभावी हथियार प्रणालियां शामिल होंगी, जो हमने पहले ही प्रदान की हैं." इसी, बीच रूसी रक्षा मंत्री ने अमेरिका पर यूक्रेन को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया.
रूसी रक्षा मंत्री का अमेरिका पर आरोप
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों पर यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने का आरोप लगाया है ताकि 'अंतिम यूक्रेनी नागरिक तक' लड़ाई जारी रह सके. शोइगु ने मंगलवार को शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में आरोप लगाया कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन में रूस के 'विशेष सैन्य अभियान' को लंबा खींचने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'विदेशी हथियारों की बढ़ती आपूर्ति स्पष्ट रूप से कीव शासन को अंतिम यूक्रेनी नागरिक तक लड़ते रहने के लिए उकसाने के उनके इरादे का संकेत देती है.' मॉस्को समर्थित अलगाववादी ज्यादातर रूसी भाषी क्षेत्र में पिछले आठ साल से यूक्रेनी सेना से लड़ रहे हैं. उन्होंने दो स्वतंत्र गणराज्यों की घोषणा कर दी है और रूस ने उन्हें मान्यता भी दे दी है.