Joe Biden on Chinese Spy Balloon: जासूसी बैलून को मार गिराए जाने के बाद अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों को लेकर अभी भी चर्चा जारी है. अमेरिकी वायुसेना ने राष्ट्रपति बाइडेन के आदेश के बाद चाइनीज बैलून को मिसाइल के जरिए मार गिराया था. बैलून को मार गिराए जाने के बाद चीन ने चेतावनी भी दी थी. इस बीच कयास लगाए जा रहे थे कि इस घटना के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ जाएंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अब खुद ही चीन के साथ रिश्तों को लेकर जवाब दिया है.
अमेरिका के न्यूक्लियर साइट के ऊपर चाइनीज जासूसी गुब्बारा (Chinese Spy Balloon) देखा गया था. चीन ने इसे सिविल बैलून बताया था, जबकि अमेरिका ने कहा था कि इसे खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था.
बैलून की घटना से बिगड़े अमेरिका-चीन के रिश्ते?
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि चाइनीज बैलून को मार गिराने की वजह से अमेरिका और चीन के रिश्ते कमजोर नहीं होने वाले हैं. चीन के साथ संबंधों में और स्थिरता लाने की कोशिश कर चुके बाइडेन ने कहा कि वह गुब्बारे वाली घटना से हैरान नहीं हैं. बिडेन ने संवाददाताओं से कहा, "एक बार जब यह कनाडा से अमेरिका में आया, तो मैंने रक्षा विभाग से कहा कि मैं इसे जल्द से जल्द शूट करना चाहता हूं"
जो बाइडेन ने क्या कहा?
राष्ट्रपति बाइडेन ने आगे कहा, ''गुब्बारे का सवाल और अमेरिका पर जासूसी करने का प्रयास कुछ ऐसा है, जो चीन से प्रत्याशित है. यह चीन पर भरोसा करने का सवाल नहीं है, यह तय करने का सवाल है कि हम कहां एक साथ काम कर सकते हैं और कहां हमारा विरोध है." अमेरिका बैलून के मलबे की जांच पड़ताल कर रहा है.
बैलून के मलबे की जांच
अमेरिकी लड़ाकू विमान ने शनिवार (4 फरवरी) को अटलांटिक में पूर्वी तट से दूर गुब्बारे को मार गिराया था और नौसेना और तट रक्षक बल वर्तमान में खुफिया विश्लेषण के लिए मलबे को इकट्ठा कर रहे हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि डिवाइस से मूल्यवान खुफिया जानकारी ली जा रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी कर्मियों ने समुद्र की सतह से कुछ अवशेष बरामद किए हैं. मलबे को वापस चीन भेजने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है.
कितना बड़ा था जासूसी बैलून?
अमेरिकी उत्तरी कमान के प्रमुख जनरल ग्लेन वानहर्क ने संवाददाताओं को बताया कि एक नौसैनिक जहाज मलबे के क्षेत्र की मैपिंग की प्रक्रिया में है.
उन्होंने कहा कि गुब्बारा 200 फीट (60 मीटर) तक लंबा था और कई हजार पाउंड वजनी पेलोड ले गया था, जो लगभग एक क्षेत्रीय जेट विमान के आकार का था.
चीन ने दी थी सफाई
चीन (China) का कहना था कि गुब्बारा मौसम अवलोकन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. इसका कोई सैन्य उद्देश्य नहीं था, लेकिन वाशिंगटन ने इसे एक जासूसी बैलून बताकर मामले को बढ़ाचढ़ाकर पेश किया. चीन के रक्षा मंत्रालय ने ये भी कहा था कि अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है. चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा.
ये भी पढ़ें: